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अब रोजाना 10000 सैंपल जांच, जल्द शुरू होंगे 3 आरटी PCR लैब; जरूरतमंद परिवारों को 100 दिनों का रोजगार भी

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब टेस्ट में तेजी और तादाद भी बढ़ाने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने सोमवार को प्रदेश में कोविड-19 की जांच और इलाज की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा अब रोजाना 10 हजार सैंपल की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में जल्द ही सैंपलों की आरटी पीसीआर जांच शुरू हो जाएगी। अभी यहां चार संस्थानों में आरटी पीसीआर के साथ ही दस जिलों में ट्रू-नाट विधि से सैंपलों की जांच की जा रही है। रैपिड एंटीजन किट से भी सैंपलों की जांच शुरू कर दी गई है। जल्दी ही ट्रू-नाट विधि से सैंपल जांच की सुविधा सभी जिलों में शुरू होगी।
सिंहदेव ने बैठक में संक्रमितों की कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग और सर्वे के काम में तेजी लाने कहा। साथ ही नए शुरू हो रहे लैबों में मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए लैब तकनीशियनों,आठ विशेषीकृत आंचलिक और दस जिला स्तरीय अस्पतालों में इलाज और अन्य संसाधनों की उपलब्धता के बारे में भी आवश्यक निर्देश दिए। मंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस से बस्तर के कलेक्टर रजत बंसल, बिलासपुर के कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर और सीएमओ से सैंपल जांच और कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग के बारे में जानकारी ली। 

सिंहदेव ने शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्रों सहित उच्च न्यायालय एवं लोगों की ज्यादा आवाजाही वाले सार्वजनिक स्थलों में रैंडम सैंपल जांच करने कहा। उन्होंने सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड एंटीजन किट से सैंपल जांच कर जांच की संख्या बढ़ाने कहा। सिंहदेव ने जांच किट, पीपीई किट, वीटीएम, वेंटिलेटर्स, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क और सर्जिकल मास्क की उपलब्धता एवं आपूर्ति की भी समीक्षा की। उन्होंने डॉक्टरों और संक्रमितों की देखभाल में लगे मेडिकल स्टॉफ को सभी सुरक्षात्मक किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

जरूरतमंद परिवारों को 100 दिनों का रोजगार भी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा के सभी जॉबकॉर्डधारी परिवारों को उनकी मांग के अनुसार 100 दिनों का रोजगार देगा। मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि मनरेगा के तहत काम के इच्छुक पंजीकृत परिवारों को वर्ष में 100 दिनों का श्रममूलक रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। प्रदेश में इस वर्ष कुल पांच लाख 15 हजार 240 परिवारों को न्यूनतम 100 दिनों का रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग ने सभी कलेक्टरों को चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जिलेवार लक्ष्य भेजा है। साथ ही इस वर्ष 1 अप्रैल से 3 जुलाई के बीच 51 से 100 दिनों का रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की जानकारी भेजी है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में देश में सबसे अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया है। अप्रैल, मई और जून में यहां कुल 55 हजार 981 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है।