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डकैती के 41 वर्ष बाद आरोपी कसूरवार करार, कोर्ट ने सुनाई 10 साल जेल की सजा

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 41 साल पुराने डकैती के केस में बड़ा फैसला आया है। हाथरस की स्थानीय कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया है। आरोपी को 10 साल की कठोर कारावास का फैसला कोर्ट ने दिया है। आरोपी भोले सिंह को अब इस मामले में 10 सालों तक सश्रम कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। अभी उनकी आयु 60 वर्ष है। ऐसे में कोर्ट के फैसले पर चर्चा गरमा गई है। कुछ लोग कोर्ट के फैसले को देर से लेकिन बेहतर फैसला के रूप में पेश कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग फैसला आने में बहुत देर होने की बात कर रहे हैं। हाथरस जिले के बरसोई गांव में 41 साल पहले हुई डकैती के केस में आरोपी भोले सिंह को दोषी करार दिया गया। शुक्रवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश महेश श्रीवास्तव ने आरोपी के खिलाफ सजा का ऐलान किया।

हाथरस कोर्ट के फैसले के संबंध में अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) राजपाल सिंह दिशवार ने कहा कि डकैती की घटना 17 जनवरी 1982 को घटी थी। सात लोग गोरधन लाल नाम के एक व्यक्ति के घर में उसे लूटने के इरादे से घुस गए थे। हालांकि, गोलियों की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और बदमाशों से भिड़ गए। वकील ने कहा कि घटना में शामिल पांच आरोपी भागने में सफल रहे थे। हाथरस निवासी भोले और मुकदमे के दौरान मृत सुघर पाल को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था। दोनों आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया गया था। जांच के दौरान दोनों आरोपियों ने अन्य दोषियों रविंदर, विजेंदर, धनवीर, महिपाल और हरपाल की पहचान का खुलासा किया। पुलिस रिकॉर्ड में आरोपियों का केवल पहला नाम ही उपलब्ध है।

पुलिस ने सातों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 395(डकैती के लिए सजा), 397(घातक हथियार का उपयोग करके डकैती या डकैती का प्रयास करना या गंभीर चोट पहुंचाना) और शस्त्र अधिनियम 1959 की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। कई बार छापेमारी के बावजूद पुलिस फरार अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी और इस दौरान उनकी मौत हो गई। कोर्ट में केस लंबित होने के दौरान भोले और सुघर पाल को गिरफ्तारी के एक साल बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। उसके बाद से मुकदमा चल रहा था। अब इस केस में फैसला आया है।

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