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झारखंड में CPIM ठिकाने से हथियार जब्ती का मामला, एनआईए ने 16 लोगों के खिलाफ दायर किया पूरक आरोपपत्र

यह मामला पिछले साल 21 फरवरी को लोहरदगा के पेशरार पुलिस स्टेशन से सीपीआई (माओवादी) कैडरों की गिरफ्तारी और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की जब्ती से संबंधित है। एनआईए ने 14 जून, 2022 को मामले को अपने हाथ में ले लिया था।

21 / 08 / 2023

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल झारखंड में सीपीआई (माओवादी) के ठिकाने से हथियार और गोला-बारूद की जब्ती से जुड़े मामले में एक महिला सहित 16 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। आतंकवाद विरोधी संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत पूरक आरोपपत्र शनिवार को एक विशेष अदालत में दायर किया गया था। 

झारखंड पुलिस ने नौ अन्य आरोपियों के खिलाफ 18 मई 2022 को आरोपपत्र दायर किया था। यह मामला पिछले साल 21 फरवरी को लोहरदगा के पेशरार पुलिस स्टेशन से सीपीआई (माओवादी) कैडरों की गिरफ्तारी और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद की जब्ती से संबंधित है। एनआईए ने 14 जून, 2022 को मामले को अपने हाथ में ले लिया था।एनआईए प्रवक्ता ने कहा, गिरफ्तारी और बरामदगी बुलबुल के वन क्षेत्र में छापेमारी के बाद हुई, जहां सीपीआई (माओवादी) के क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू इसके सक्रिय कैडर बलराम ओरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेसिया, अघनु गंझू, लाजिम अंसारी, मारकुश नगेसिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी और लगभग 40 से 60 अन्य लोग सुरक्षा बलों और बॉक्साइट खदान क्षेत्र में हमले की साजिश रचने और योजना बनाने के लिए इकट्ठे हुए थे।उन्होंने कहा, स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा एक संयुक्त अभियान चलाया गया, जिसके दौरान सीपीआई (माओवादी) कैडरों ने बहाबर जंगल के रास्ते हरकट्टा टोली और बंगला पाट में सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। प्रवक्ता ने कहा, एनआईए की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के सशस्त्र कैडरों और सदस्यों ने हिंसक कृत्यों और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने की साजिश रची थी। उनकी योजना आतंकवादी कृत्यों और हिंसात्मक हमलों को अंजाम देकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की थी। प्रवक्ता ने कहा कि जांच से यह और भी प्रमाणित हो गया है कि सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों और सशस्त्र कैडरों ने अगस्त-सितंबर, 2022 में बूढ़ा पहाड़ में एक आपराधिक साजिश रची थी और सीपीआई (माओवादी) के वरिष्ठ नेता प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद बदला लेने का फैसला किया था