सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य बनने के बाद पीएम मोदी का यूएन में यह पहला संबोधन होगा. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने अपना पहला भाषण दिया था.
कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 जुलाई यानी शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में वर्चुअल भाषण देंगे. प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में होगा. सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य बनने के बाद पीएम मोदी का यूएन में यह पहला संबोधन होगा.
प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 6 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण दिया था. फिर 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने पिछले साल भी अपना भाषण यूएन में दिया था. आइए, नजर डालते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कब-कब संयुक्त राष्ट्र में बोले और क्या कहा.
2014 में संयुक्त राष्ट्र के अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे पर फोकस करते हुए संबोधन किया था. कश्मीर मुद्दे का राग अलापने वाले पाकिस्तान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आतंकवाद के साये के बिना’ गंभीर द्विपक्षीय वार्ता की पेशकश की और पड़ोसी देश से इसके लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने को कहा था. तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस मंच पर मुद्दे उठाना हल निकालने का कोई तरीका नहीं है.’
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पीएम मोदी से पहले संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में कश्मीर में जनमत संग्रह करवाने की पैरवी की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 69वें सत्र में अपने पहले संबोधन में शरीफ का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन यह जरूर कहा कि पाकिस्तान को मित्रता और सहयोग को प्रोत्साहन देने के मकसद से द्विपक्षीय वार्ता के लिए एक उपयुक्त माहौल तैयार करने की अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना चाहिए.
सितंबर 2015 के संयुक्त राष्ट्र में अपने दूसरे संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए इसमें सुधार अनिवार्य है. मोदी ने कहा, ‘आज हम सभी मानवता की दिशा तय करने के लिए जमा हुए हैं.’ इस बार मोदी ने यूएनजीए में भाषण नहीं दिया बल्कि उन्होंने यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट (यूएनएसडी) समिट में हिस्सा लेते हुए भाषण दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 के बाद 2019 के संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लिया था. इससे पहले 2016, 2017 और 2018 के महासभा में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था. इस दौरान तत्तकालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हिस्सा लिया था.
सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में महात्मा गांधी, स्वच्छता, आतंकवाद, पर्यावरण जैसे मुद्दों का जिक्र किया. महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए गौरव का अवसर है कि संयक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित कर रहा हूं. यह अवसर इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस वर्ष पूरा विश्व महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है. उनका सत्य और अहिंसा का संदेश आज भी दुनिया के लिए प्रासंगिक है. पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को लेकर कहा कि स्वच्छता का जनादेश भारत में शुरू हुआ, और यह व्यापक स्तर पर रहा और प्रेरक रहा. भारत में दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना आयुष्मान चलाई जा रही है. पिछले 5 साल में 11 करोड़ शौचालय बनाए गए. मोदी ने भाषण में 5 बार आतंकवाद का जिक्र किया. अब एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के मंच से बोलने जा रहे हैं. इस बार यह मौका कुछ अलग है क्योंकि पूरी दुनिया कोरोना महामारी के प्रकोप से त्रस्त है और इस वजह से ज्यादातर सम्मेलन वर्चुअल स्तर पर हो रहे हैं और सभी की प्राथमिकता इस महामारी से निजात पाने पर है.
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