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सवा साल से बंद एक्सप्रेस-वे, 15 Mint में पहुंचा जा सकता था Airport , अब 1 साल और रहेगा बंद

रायपुर स्टेशन से 15 मिनट में एयरपोर्ट के बिलकुल नजदीक पहुंचाने वाली सड़क यानी एक्सप्रेस-वे सवा साल पहले निर्माण की गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार की आशंका के बाद ऐसे बंद की गई कि अब तक शुरू नहीं की जा सकी है और अब एक-एक कर इतने बड़े काम निकलते जा रहे हैं कि कम से कम एक साल तक इसका शुरू हो पाना मुश्किल है। वजह ये है कि इस सड़क के शहर से गुजरने वाले पांचों फ्लाईओवर, जिनकी लंबाई 4 किमी है, लगभग 3 किमी तोड़ जा चुके हैं और सभी फिर बनाए जाने हैं। यही नहीं, पुल के नीचे वाली सड़कें भी जांच में कमजोर पाई गई हैं, जो संभवत: बाद में टूटकर बनेंगी। अभी दिक्कत ये है कि पुल तोड़ तो दिए गए, लेकिन अक्टूबर से बनना शुरू नहीं होंगे।
एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल जुलाई-अगस्त 2018 से ही शहर के लोग करने लगे थे। तब इसका औपचारिक उद्घाटन नहीं हुआ था। स्टेशन से फुंडहर टर्निंग और फिर वीआईपी रोड होते हुए लोग 15 मिनट में आसानी से एयरपोर्ट पहुंच रहे थे। फोर-सिक्सलेन होने की वजह से यह सुविधाजनक भी था। लेकिन पिछले साल तेलीबांधा के ठीक ऊपर वाले फ्लाईओवर पर आधी रात सड़क धंसने से एक कार दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसके बाद सड़क निर्माण में कमजोरियों का मुद्दा उठा और मुख्य तकनीकी सतर्कता परीक्षक और एनआईटी के विशेषज्ञों को निर्माण की गुणवत्ता की जांच में लगाया गया। एक्सप्रेस-वे को बंद कर दिया गया। माना जा रहा था कि रिपेयर और मेंटेनेंस के बाद एक-दो माह में सड़क फिर खुलेगी, लेकिन सवा साल बीत गए हैं, इसलिए एक्सप्रेस-वे की चर्चा इस तरह बंद हो गई है जैसे यह सड़क कभी थी ही नहीं। 

जांच करने वालों ने ही साढ़े 3 माह लगा दिए
एक्सप्रेस-वे की निर्माण गुणवत्ता की जांच अगस्त-2019 में शुरू हुई। पहली रिपोर्ट नवंबर में आई। फिर एनआईटी विशेषज्ञों ने जांच कर दिसंबर में रिपोर्ट दी। दोनों रिपोर्ट का निष्कर्ष का समान था। इस तरह, जांच और रिपोर्ट बनाने में ही 4 माह लग गए।  
रिपोर्ट पर कार्रवाई में एक महीना निकला
जांच शुरू होने के कुछ दिन बाद सड़क विकास निगम के जीएम को हटा दिया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद करीब 15 दिन तक इसका अध्ययन चला। फिर इसी निगम के एमडी को हटा दिया गया। इसके 15 दिन बाद 6 इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया। 
फ्लाईओवर ही तोड़ रहे हैं 6 माह से 
जांच रिपोर्ट पर पुल और सड़कें तोड़ने का काम जनवरी 2020 में शुरू हुआ और धीरे-धीरे लाॅकडाउन तक चला, फिर बंद हो गया। पिछले महीने यही काम और धीमी रफ्तार से शुरू किया गया और अब काम फिर ठप है। तोड़फोड़ पूरी होनी बाकी है।

पुल तोड़ने से बने गड्ढों में भर गया बारिश का पानी ‌
एक्सप्रेस-वे के पुलों की तोड़फोड़ से जो गड्ढे बने हैं, बारिश में ङर चुके हैं। यह बड़ी चिंता है, इसलिए निर्माण एजेंसी सब छोड़कर इन गड्ढों को भरने में लगी है। दिलचस्प ये भी है कि तोड़फोड़ हो रही है, लेकिन इसका मलबा अब तक नहीं हटाया गया है।

निर्माण अक्टूबर में ही शुरू होने की संभावना
कोरोना संकट के कारण लेबर की व्यवस्था करके कंपनी काम शुरू करना चाहती थी, लेकिन अच्छी बारिश ने पूरा मामला रोक दिया। निर्माण एजेंसियों के मुताबिक अब अक्टूबर में ही कुछ शुरू हो पाएगा। इसमें 5 फ्लाईओवर और सड़क बनानी होगी।
मई तक नहीं बना तो देरी और भी ज्यादा
अक्टूबर में काम शुरू होने के बाद निर्माण एजेंसी के पास पांच फ्लाईओवर और सड़कें फिर बनाने के लिए मई तक सिर्फ 8 माह बचेंगे। जानकारों के मुताबिक अगली वर्षा से पहले इतना काम संभव नहीं है। ऐसा हुआ तो सड़क 2021 में भी शुरू नहीं होगी। 
अब भी अफसरों की तैनाती पर ही फोकस
एक्सप्रेस-वे का काम ठप है, लेकिन सड़क निगम में इसी के नाम पर तैनातियों का दौर अब तक चल रहा है। कई नए पद जेनरेट कर दिए गए हैं। गुणवत्ता जांचने का काम मुंबई की एजेंसी को सौंपा गया है। फिर भी, नए काम का डिजाइन फाइनल नहीं हुआ।

“अक्टूबर से ही एक्सप्रेस-वे के निर्माण में गति आएगी। बारिश के कारण काम ठप है। सालभर में लोगों को यह सुविधा दोबारा मिल जाए, यह कोशिश कर रहे हैं।”