मेरठ: लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav) के समय से पहले होने की अटकलों के बीच 2024 में मिशन 80 फतह का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब नई रणनीति अपनाई है। पार्टी के थिंक टैंक ने विपक्ष के फिसड्डियों के सहारे अव्वल बनाने की ठानी है। यानी विपक्ष के फिसड्डी अब भाजपा का कमल खिलाएंगे।
बीजेपी के एक प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी के मुताबिक रणनीति है कि पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा तक विपक्ष के ऐसे जनप्रतिनिधि या चुनाव लड़कर तीसरे या चौथे नंबर पर रहे है। उनको भाजपा अपने साथ जोड़ेगी। ऐसा करने की वजह है भगवा टीम यह मान रही है कि जिन सीटों पर कुछ कम अंतर से हार हुई है, वहां पर यह लोग मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि किसी भी चुनाव में तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाले प्रतिनिधि या कैंडिडेट का अपना कुछ जनाधार जरूर होता है।
अगर वह अपने असर वाले वोट को कमल पर बटन दबाने में कामयाब रहे तब भारतीय जनता पार्टी को उसका सीधा लाभ होगा और हरी बड़ी जीत में बदल सकती है। खासकर ऐसी सीटों पर खास ध्यान दिया जा रहा है जो 2019 में भारतीय जनता पार्टी हरी थी। भारतीय जनता पार्टी 2019 में जिन सीटों को हरी थी उनमें से ज्यादा लोकसभा की सीट वेस्ट यूपी की है। वेस्ट यूपी की सहारनपुर बिजनौर नगीना संभल मुरादाबाद रामपुर अमरोहा 7 सीट पर कमल मुरझा गया था।
हाल ही में लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की मीटिंग में इस पर गहन मंथन हुआ। इस मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह समेत तमाम खास नेता शामिल हुए थे। तय किया गया है कि जिला स्तर पर के चुनाव लड़ने वाले तीसरे और चौथे नंबर पर एक एक कैंडिडेट को चिन्हित किया जाए उनसे संपर्क किया जाए। उनको पार्टी की विचारधारा और नीति के बारे में बात कर साथ आने का न्यौता दिया जाए। कोशिश हो कि जिसे भी बात हो, संपर्क हो,. उन्हें हर हाल में पार्टी से जोड़ा जाए।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी इस बारे में कह भी चुके हैं कि हमारी पार्टी की विचारधारा से मेल रखने वालों का स्वागत है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी की रणनीति रही है कि किसी भी चुनाव से पहले वह बड़े पैमाने पर दूसरे दलों सरदार लोगों को पार्टी में शामिल करने की मुहिम चढ़ती है। माना जा रहा है कि नहीं रणनीति के तहत विपक्षी दलों के कुछ नेताओं को जल्द भाजपा में शामिल किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी वेस्ट यूपी के प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा का कहना है कि पार्टी हमेशा से समान विचारधारा वालों को जोड़ने में विश्वास करती रही है आगे भी मुहिम जारी रहेगी। किस को पार्टी में लेना है किस को नहीं लेना है, यह सीनियर नेता तय करते हैं। पार्टी 2024 के चुनाव के लिए तैयारी में जुटी है।
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