कोरोना महामारी से इस वक्त पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अब तक इस वायरस की प्रकृति को लेकर वैज्ञानिक पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो सके हैं। दक्षिण कोरिया और चीन में बीते कुछ वक्त में कोरोना से ठीक हुए मरीजों के दोबारा संक्रमित होने के मामले आए थे, अब भारत में भी ऐसे केस सामने आए हैं। मोहाली में पिछले हफ्ते कोरोना संक्रमण से ठीक हुए 10 मरीज अब दोबारा संक्रमित पाए गए हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। केरल में भी कुछ कोरोना मरीजों के दोबारा सिम्टोमेटिक पाए जाने की घटना सामने आई है।
इन मामलों के सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर कोरोना से ठीक हुए मरीजों के शरीर में जब पर्याप्त एंटीबॉडीज थी तो वे दोबारा कैसे संक्रमित हो गए? इसे लेकर कोरोना हॉस्पिटल को संभाल रहे PGI चंडीगढ़ के डॉक्टर प्रोफेसर आशीष भल्ला का कहना है कि ‘यह दो अलग चीजें हैं, संक्रमण और बीमारी। संक्रमण तब हो सकता है जब वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है और बीमारी तब होती है जब वायरस मल्टीप्लाई होना शुरू हो जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. भल्ला आगे कहते हैं कि मरीज के शरीर का इम्यून सिस्टम एंटीजन रिलीज करता है उसके बावजूद भी कोरोना वायरस मौजूद रह सकता है। ‘सिर्फ Nasal Cavity में वायरस की उपस्थिति का मतलब ही बीमारी होना नहीं होता जब तक कि मरीज में लक्षण साबित नहीं हो जाते हैं।’
उन्होंने यह भी कहा कि वायरस बहुत तेजी से प्रकृति बदलता है। ‘अगर वायरस Mutated हो गया और नया Strain डेवलप हो गया तो दोबारा संक्रमण हो सकता है। यही दक्षिण कोरिया और चीन में सामने आए मामलों में भी हुआ है।’
वहीं प्रोफेसर जीडी पुरी ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए मरीज दूसरों को 10 दिन से ज्यादा वक्त तक किसी को संक्रमित नहीं कर सकते हैं। हालांकि पुरी ने दो हफ्ते के सख्त आइसोलेशन की सलाह भी दी।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर्स ने तीन महत्वपूर्ण चीजों पर जोर दिया है। इसमें मास्क पहनना, लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना और भीड़भरे स्थानों पर जाने से बचना है।
More Stories
महबूबा मुफ्ती ने लोगों से जम्मू-कश्मीर की पहचान की रक्षा के लिए वोट करने का आग्रह किया |
जैसे ही राहुल गांधी रायबरेली शिफ्ट हुए, बीजेपी ने ‘स्मृति ईरानी के खिलाफ कोई मौका नहीं’ खोदा
इलाहाबाद HC आज गाज़ीपुर से SP उम्मीदवार अफ़ज़ाल अंसारी के राजनीतिक भाग्य पर फैसला करेगा |