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लखनऊ विनय मर्डर केस: चार लोगों ने सीने पर चढ़कर की थी हत्या, वारदात से पहले बंद किए गए कैमरे भाई ने लगाए आरोप

लखनऊ में कैबिनेट मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास के घर पर दोस्त विनय की हत्या कर दी गई। इस मामले में विकास पर भी हथियार को लेकर केस दर्ज किया गया है। पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है। वहीं हत्या की वजह अब तक सामने नहीं आई है।

 

विनय मर्डर केस लखनऊलखनऊ: बेगरिया स्थित मंत्री पुत्र के घर में विनय की हत्या तीन नहीं बल्कि चार लोगों ने मिलकर की थी। विनय के भाई विकास श्रीवास्तव ने यह सनसनीखेज आरोप लगाया है। दावा है कि घटना वाली सुबह उनका भाई घर आ रहा था। हत्यारोपित अंकित और शमीम ने उसे वापस बुलाया और किसी बात पर झगड़ने लगे। शोर सुनकर हॉल में सो रहा अजय रावत भी जागकर पहुंच गया। तब तक अरुण प्रताप उर्फ बंटी गाड़ी लेकर पिछले दरवाजे पर आया। वहां गाड़ी खड़ी कर वह भीतर आ गया। आरोप है कि चारों लोग विनय से भिड़ गए और उसे पटकर उसके सीने पर चढ़कर उसके माथे पर गोली मार दी थी।

बेगरिया निवासी विनय की एक सितंबर की सुबह मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास के घर में उनके करीबी विनय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में अंकित वर्मा, अजय रावत और शमीम को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। विनय के भाई विकास श्रीवास्तव ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल से यही सामने आया है कि विनय की हत्या में रियल एस्टेट कारोबारी बंटी भी शामिल था, लेकिन पुलिस ने अब तक उससे पूछताछ करने तक की जहमत नहीं उठाई है।हाथ जोड़कर बोला, कुछ कार्रवाई कीजिएसपा के प्रतिनिधिमंडल और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पदाधिकारियों के पीड़ित परिवारीजन के घर आने की जानकारी मिलते ही एसीपी चौक सुनील शर्मा और इंस्पेक्टर ठाकुरगंज विकास राय उनके घर पहुंचे। विनय के भाई विकास श्रीवास्तव ने पुलिस अफसरों को सामने देखा तो हाथ जोड़कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसीपी ने निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया है।3:15 नहीं 4:47 पर दी गई थी पीआरवी को सूचनापुलिस के दस्तावेजों से सामने आया है कि एक सितंबर की सुबह 112 पर अंकित वर्मा ने 4:47 पर सूचना दी थी। पुलिसकर्मी 4:58 पर मौके पर पहुंचे थे, हालांकि पुलिस को दिए बयान में उसने 4:15 बजे पुलिस को सूचना देने की बात बताई थी। घटनास्थल से लिए गए एक विडियो के मुताबिक पुलिस पहुंची तो विनय का शव फर्श पर पड़ा था। शमीम उर्फ बाबा और अजय रावत छत से सीढ़ियों से उतरकर हॉल में आते नजर आ रहे हैं।बेसमेंट के दरवाजे से आया और माथे पर मार दी गोलीहॉल में जहां विनय का शव पड़ा था, वहीं से बेसमेंट में एक जीना जाता है, उस पर परदा लगा है। परदे के पीछे से बेसमेंट का जीना है। उसी बेसमेंट से पीछे निकलने के लिए लोहे का दरवाजा लगा है। विनय का पैर जीने की ओर लटका है और सिर फर्श पर नजर आ रहा है। आशंका जताई जा रही है कि हत्यारोपितों से बचने के लिए विनय बेसमेंट की ओर भागा, तभी बेसमेंट की सीढ़ियों से हत्यारोपित आया और उसके माथे पर गोली मार दी। इसीलिए वह गिरा तो उसका पैर जीने में लटक गया और सिर फर्श पर था। यह भी आशंका है कि वारदात के बाद कातिल बेसमेंट के दरवाजे से ही बाहर भी निकल गया।साजिशन बंद तो नहीं कर दिए गए सीसीटीवी कैमरेमंत्री पुत्र के घर में 8 कैमरे लगे हैं। पुलिस के पहुंचने पर सिर्फ दो कैमरे चल रहे थे। एक कैमरा घर के बाहर सड़क की तरफ और दूसरा हाल में चालू था। बाकी सभी कैमरे बंद थे। आशंका जताई जा रही है कि हत्या की साजिश पहले ही रच ली गई थी। इसीलिए भीतर के सारे सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए थे, जिससे पुलिस को कोई साक्ष्य न मिल सके। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि घटना वाली रात विशाल सिटी निवासी सौरभ ही नानवेज और शराब लेकर गया था।अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई पुलिसविनय मर्डर केस अब पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है। हत्यारोपितों ने शुरुआत में ही पुलिस को खुदकुशी बताकर गुमराह करने का प्रयास किया। पुलिस ने शराब की बोतल और ताश के पत्तों को आधार मानते हुए हत्यारोपितों के बयान पर जुए के विवाद में हत्या होना बताया। अब घटनास्थल के वीडियो और फुटेज सामने आने के बाद इस केस में अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आने लगी है। हालांकि, पुलिस ने अब तक न तो हत्यारोपितों को रिमांड पर लिया और न ही संदेह के घेरे में आए लोगों से पूछताछ की है। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को विकास किशोर से पूछताछ के बाद पुलिस अब जल्द ही इस केस में रियल एस्टेट कारोबारी अरुण प्रताप उर्फ बंटी और उसके साथ मौके पर मौजूद रहे सौरभ से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने दोनों युवकों के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाल ली है।अनसुलझे हैं कई सवालविनय की हत्या की असल वजह क्या है?घर के भीतर के सीसीटीवी कैमरे बंद क्यों रखे गए?बंटी और सौरभ की मर्डर केस में क्या भूमिका है?हत्यारोपितों ने शुरुआत में हत्या की बात क्यों छिपाई?शक के घेरे में आए लोगों से पुलिस ने अब तक पूछताछ क्यों नहीं की?हत्यारोपितों को सात दिन बाद भी रिमांड पर पुलिस ने क्यों नहीं लिया?

ज्ञानेश्वर प्रसाद के बारे में

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