Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

बारिश से पहले ही बदलवा लें Car की खराब वाइपर ब्लेड आर टायर्स; मानसून में इन 10 बातों का रखें खास ख्याल

मानसून के मौसम में गाड़ियों का विशेष ध्यान रखना होता है। अन्य सीजन की तुलना में बारिश में सबसे ज्यादा दिक्क्ते सामने आती है। तेज बारिश में बेहतर विजिबिलिटी न मिलने की वजह से कई बार हादसे हो जाते हैं। ऐसे समय में कार की केयर कैसे की जाए, किन बातों का ध्यान रख बारिश में ड्राइव करने निकला जाए और कैसे घर पर ही कार की देखरेख की जाए, इन बातों का उत्तर जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की, जिन्होंने हमने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए….

1. वाइपर ब्लेड जरूर चेक करें

बारिश के वाइपर ब्लेड का ठीक होना काफी महत्वपूर्ण है। बारिश के दौरान रात के समय कही ट्रैवल कर रहे हो, और वाइपर ब्लेड ठीक नहीं है, तो बेहतर विजिबिलिटी नहीं मिलेगी। ऐसी स्थिति से बचने के लिए मानसून शुरू होने से पहले ही वाइपर ब्लेड बदलवा लें। नई वाइपर ब्लेड लगवाए साथ ही वॉटर टैंक में विंड शिल्ड शैंपू जरूर डलवाएं, क्योंकि इससे वाइपर ब्लेड की लाइफ भी बढ़ती है और ग्लास पर स्क्रैच भी नहीं लगते हैं।
नोट- टैंक में आम शैंपू ने डाले, वह गाढ़ा होता है और नीचे बैठ जाता है, इसमें खासतौर से बना विंड शील्ड शैंपू ही इस्तेमाल करें।

2. टायर प्रेशर और एलाइनमेंट

बारिश के मौसम में टायर प्रेशर पर भी ध्यान देने बेहद जरूरी है। जिन लोगों की रनिंग कम है या गाड़ी लंबे समय तक एक जगह पर खड़ी रहती है, ऐसी स्थिति में गाड़ी का टायर प्रेशर कम हो जाता है और टायरों में क्रैक्स आने की समस्या आ जाती है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि यह समस्या सिर्फ गर्मी के सीजन में आती है लेकिन यह गलत है क्योंकि गर्मियों में टायर का प्रेशर और एक्सपेंड होता है। टायर प्रेशर पर ध्यान न दिया जाए तो उनमें क्रैक आ सकते हैं, रिम बेंड भी हो सकता है। समय-समय पर एलाइनमेंट भी करवाते रहें, इससे टायर की लाइफ बढ़ जाएगी।

3. एसी ऑन रखना

बारिश के मौसम में चारों कांच बंद रहते हैं ऐसे में विंड शील्ड पर अंदर की तरफ से फॉग जमने लगता है। ऐसी स्थिति में ड्राइवर को एसी ऑन करके एयर का फ्लो विंड शील्ड की तरफ करना चाहिए ताकि बेहतर विजिबिलिटी मिल सके।

4. टायर ग्रिप पर विशेष ध्यान दें

कार के टायरों कि ग्रिप अगर खत्म होती दिखाई दे रही है तो मानसून से पहले ही नए टायर डलवा लें, ऐसा न करना हादसे को न्यौता देना है। क्योंकि बारिश में सड़कों पर पानी रहने से टायर और सड़क के बीच बेहतर ग्रिप नहीं बन पाती और ब्रेक लगने पर भी गाड़ी दूर जाकर रुकती है या कह सकते हैं कि स्किड हो सकती है। इसलिए बारिश से पहले से नए टायरों लगवाएं। बेहतर होगा कि गाड़ी कम स्पीड में ही चलाएं।

5. ऑयल का लेवल चेक

सबसे बेसिक टिप जिसे घर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, वो है ऑयल लेवल चेक करना। मौसम भले है बरसात का हो या गर्मी का, हर मौसम में गाड़ी के अयॉल लेवल को मेनटेन रखा बेहद जरूरी है। ऑयल लेवल डिप स्टीक से चेक किया जाता है। स्टीक पर मिनिमम और मैक्सिमम दो लेवल मेंशन रहते हैं। हम इसी के अनुसार अंदाजा लगा सकते हैं कि इंजन में कितना ऑयल है। हर एक से दो हफ्ते के इंटरवल में अयॉल लेवल चेक करें। 

6. कूलेंट का लेवल चेक करें

आमतौर पर लोगों की यह धारणा रहती है कि कुलेंट की जरूरत सिर्फ गर्मियों में ही रहती है लेकिन बतां दे, कि कूलेंट हर मौसम के लिए जरूरी है। गाड़ी के कम्बंशन चेंबर में हमेशा ब्लास्ट होता रहता है, जिससे गाड़ी का इंजन गर्म होता है, ऐसे में कूलेंट की जरूरत हमेशा ही रहती है। गर्मी में इसलिए ज्यादा रहती है कि क्योंकि बाहर के वातावरण का तापमान भी अधिक रहते है, जिससे इंजन जल्दी गर्म होता है। 

7. वॉर्मअप के लिए गाड़ी स्टॉर्ट करके छोड़े

आदत में लाए कि कही भी जाने से पहले गाड़ी को कम-से-कम 5 से 10 मिनट के लिए स्टार्ट करके छोड़ दें, ऐसा करने से इंजन में ऑयल का सर्कुलेशन बेहतर हो जाएगा। इसी बीच गाड़ी के नीचे देख लें कि कही कोई लीक तो नहीं। उदाहरण के तौर पर जिस तरह जिम में एक्सरसाइज शुरू करने से पहले वर्मअप जरूरी होता है, यही बात गाड़ी के साथ भी है। वर्मअप कराने का फायदा यह है कि कम्बंशन चैंबर में नीचे बैठा ऑयल अच्छे से इंजन में सर्कुलेट हो जाता है, जिससे पार्ट्स के घिसने के चांस कम हो जाते हैं।

8. डैशबोर्ड की वॉर्निंग लाइट्स के इशारे समझें

डैशबोर्ड के ऊपर जितनी भी वॉर्निंग इंडिकेटर्स है, उनका मतलब जरूर समझे, जिसे समझने के लिए सर्विस बुक को रिफरेंस ले। उदाहरण के तौर पर यदि इंजन ओवर हीटिंग की लाइट जल रही है, और उस समय ड्राइवर चलाना जारी रखता है तो इंजन सीज हो सकता है। इसलिए हर वॉर्निंग लाइट का मतलब पता होना जरूरी है।

9. ओरिजनल एक्सेसरीज ही लगवाएं

आमतौर पर लोग पैसे बचने के लिए लोकल मार्केट से म्यूजिक सिस्टम, पावर विंडो, फॉग लैंप, सेंट्रल लॉक जैसी एक्सेसरीज लगवा लेते हैं, जिसका लोकल मैकेनिक वायरिंग काट कर कनेक्शन कर देते हैं, जो आगे चलकर खासतौर से बारिश के मौसम में परेशानी का कारण बन जाती है। बारिस के मौसम में स्पार्किंग से कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में हमेशा एक्सेसरीज ऑथराइज्ड सेंटर से ही लगवाएं जहां वायरिंग को बिना नुकसान पहुंचाए कनेक्शन किया जाता है।

10. शेड्यूल सर्विस समय से करवाएं

शेड्यूल सर्विस समय पर करवाएं, इससे गाड़ी के A-to-Z पॉइंट चेक हो जाते हैं, जिससे खराबी आने की गुंजाइश कम हो जाती है। आमतौर पर लोगों मे धारणा यह होती है कि बारीश के बाद सर्विस कराएंगे अभी जितनी गंदगी लग रही है, लग जाने दो लेकिन असल में गाड़ी में कीचड़ लगने की वजह से पार्ट्स में जंग लगने के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाते हैं। ऐसे में बारिश के दौरान समय-समय पर वॉश कराते रहने से गाड़ी स्मूद चलती है। अगर मानसून के दौरान शेड्यूल सर्विस नहीं आ रही है तो भी गाड़ी चेकअप करवाया जा सकता है, जिसमें गाड़ी का पूरा हेल्थ चेकअप हो जाएगा। मानसून के दौरान कई कंपनियां इस तरह के कैंप आयोजित करती रहती है। जिसमें कूलेंट लेवल, ब्रेक और इंजन ऑयल लेवल, बैटरी, फिल्टर, ब्रेक और सस्पेंशन सिस्टम, वाइपर ब्लेड, एलाइमेंट, लीकेज, डैमेज, नट-बोल्ट जैसी तमाम चीजों चेक हो जाती है। समय रहते इन्हें बदला जा सकता है।