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Indore जिले के सरकारी स्कूलों में अभी तक 50 फीसदी छात्रों को ही मिली किताबें

सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों के छात्रों को किताबें देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन हकीकत यह है कि इंदौर जिले के महज 50 फीसदी छात्रों को ही अभी तक किताबें मिल पाई हैं। इनमें से भी कई छात्रों को आधे विषयों की किताबें ही मिली हैं। शहर के पांच से सात स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक सिर्फ एक या दो विषयों की ही किताबें मिल पाई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों के मुताबिक सरकारी स्कूलों में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम बदले जा रहे हैं। एनसीईआरटी की नई किताबों की छपाई में देरी होने के कारण भी अभी तक पाठ्यपुस्तक निगम ने विकासखंड शिक्षा कार्यालय व स्कूलों तक कम पुस्तकें पहुंचाई हैं।

62 स्कूलों के करीब 40 हजार छात्रों को दी जाना है किताबें

इंदौर जिले में 62 सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 40 हजार छात्रों को किताबें बांटी जाना है। स्कूलों में अभी एडमिशन की प्रक्रिया चालू है, ऐसे में संभावना है कि इस वर्ष करीब 45 से 50 हजार छात्रों को पुस्तकें दी जाएं। इस वर्ष कक्षा नौवीं और 11वीं में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की किताबें लागू हो रही हैं। जितनी किताबें अभी तक आई थीं, वे बांटी जा चुकी हैं। कक्षा नौवीं के छात्रों के 11 विषय हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ पांच विषयों की किताबें आई हैं। वहीं कक्षा 10वीं में सात विषय हैं, लेकिन इसकी कम संख्या में किताबें आई हैं।

कक्षा नौवीं

– गणित व विज्ञान (तीन साल से पढ़ा रहे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम)।

– हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी (इस वर्ष से एनसीईआरटी पाठयक्रम)।

कक्षा 10वीं

– गणित व विज्ञान (तीन साल से पढ़ा रहे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम)।

– हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान व अंग्रेजी (वर्ष 2021-22 से एनसीईआरटी पाठयक्रम होगा लागू)।

कक्षा 11वीं

– फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो, मैथ्स व कॉमर्स (तीन साल से पढ़ा रहे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम)।

– हिंदी, अंग्रेजी व कला संकाय के अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, इतिहास व समाजशास्त्र (इस साल से एनसीईआरटी पाठयक्रम)।

कक्षा 12वीं

– कॉमर्स व फिजिक्स केमिस्ट्री और बायो व मैथ्स (पिछले दो साल से पढ़ा रहे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम)

– हिंदी, अंग्रेजी व कला संकाय के विषय (वर्ष 2021-22 से लागू होगा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम) एमपी बोर्ड के हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में अब धीरे-धीरे सीबीएसई स्कूलों में चल रहे एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को पढ़ाया जा रहा है। अगले वर्ष तक एमपी बोर्ड का सिलेबस भी सीबीएसई की समान हो जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर की जेईई, नीट व अन्य प्रवेश परीक्षाएं एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं। ऐसे में एमपी बोर्ड के छात्र इन परीक्षाओं में पीछे न रहें, इसके लिए एमपी बोर्ड में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। एमपी बोर्ड में अभी तक कक्षा नौवीं से 12वीं में हिंदी-अंग्रेजी के सामान्य और विशिष्ठ अलग पाठ्यक्रम होते थे, लेकिन एनसीईआरटी का सिलेबस लागू होने पर अंग्रेजी व हिंदी माध्यम से छात्रों के लिए हिंदी और अंग्रेजी का पाठ्यक्रम एक समान ही रहेगा। पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा अभी तक जितनी पुस्तकें प्राप्त हुई हैं, वो वितरित की जा चुकी हैं। बची हुई पुस्तकें मंगलवार से निगम ने भेजना शुरू किया है। अभी तक 50 से 60 फीसदी किताबें ही आई हैं। जैसे-जैसे किताबें पहुंचेंगी, हम स्कूलों के माध्यम से छात्रों तक उसका वितरण करवाएंगे।