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फर्जी दस्तावेज पर 169 बीघा जमीन की जमाबंदी

शुभम संदेश एक्सक्लूसिव -4

बसुआ मौजा में भूमाफिया के सामने सिस्टम बौना

Pravin Kumar/ Amit Singh

Mahagama : गोड्डा जिले में भूमाफियाओं की चलती है. तभी तो सरकारी सिस्टम उनके सामने बौना साबित हो रहा है. राजधानी रांची से गोड्डा जिले के लिए जारी निर्देश वहां पहुंचते ही बेअसर हो जाता है. महगामा अंचल में तो सरकारी सिस्टम है ही नहीं, वहां तो सिर्फ भूमाफिया की चलती है. तभी तो महगामा अंचल के बसुआ मौजा की 169 बीघा सरकारी जमीन की फर्जी दस्तावेज के आधार पर बंदोबस्ती करने का मामला पिछले 6 सालों से लटका हुआ है. जिला प्रशासन फर्जी जमाबंदी के मामले में नोटिस- नोटिस खेल रहा है. पूर्व में इस जमीन को लेकर करायी गयी जांच में अंचल कार्यालय की मिलीभगत से फर्जी जमाबंदी के मामले सामने आ चुके हैं. जमीन की जमाबंदी का आधार महगामा अंचल में नहीं है. पूर्व में फर्जी तरीके से जमाबंदी करायी गयी यह जमीन थाना नं 692 के गौरमजरुआ खाता संख्या 24 का दाग नं.32 परती कदीम जमीन है. इस जमीन की भू-माफिया बेरोक-टोक खरीद-बिक्री कर रहे हैं.

एक ही मौजा में कई बार की गई जमीन की फर्जी बंदोबस्ती

सरकारी दस्तावेज में बसुआ मौजा के दाग संख्या 32 की 169 बीघा जमीन बंदोबस्ती के आधार पर पंजी टू में दर्ज की गयी है. लेकिन इसका कोई साक्ष्य अंचल कार्यालय में मौजूद नहीं है. वहीं जिस भूखंड की बंदोबस्ती की गयी है, वह एक ही व्यक्ति के नाम पर कई बार दर्ज है. ज्यादातर जमीन की जमाबंदी कैलाश टिबड़ेवाल और उनके परिजनों के नाम पर दिखाई गई है. सरकारी प्रावधान के अनुसार सरकार भूमिहीनों को जमीन बंदोबस्ती करती है, लेकिन उसकी भी अधिकतम सीमा पांच एकड़ तक ही है, लेकिन बसुआ मौजा में इंदु भूषण चक्रवर्ती के नाम पर करोड़ों की 19 बीघा 3 कट्ठा सरकारी जमीन की बंदोबस्ती कर दी गयी.

कभी राम, कभी प्रसाद और कभी टिबड़ेवाल बन करायी जमीन की फर्जी बंदोबस्ती

बसुआ मौजा में गोविंद प्रसाद, पिता देवी प्रसाद टिबड़ेवाल के नाम पर सबसे पहले 2 बीघा 9 कट्ठा जमीन की बंदोबस्ती फर्जी तरीके से कर पंजी टू में दर्ज की गयी. इसके बाद गोविंद प्रसाद मारवाड़ी, पिता देवी प्रसाद मारवाड़ी के नाम पर क्रमशः 1 बीघा 15 कट्ठा, 16 धुर, 15 कठा 1 धुर जमीन की बंदोबस्ती कर दी गयी. फर्जीवाड़े के मामले यहीं नहीं रुके, फिर गोविंद प्रसाद ने गोविंद प्रसाद राम पिता देवी राम बनकर भी तीन बीघा 14 कट्ठा जमीन की फर्जी तरीके से बंदोबस्ती कराई. इसके बाद गोविंद प्रसाद के पिता देवी राम मारवाड़ी के नाम पर 6 बीघा 12 कट्ठा 13 धुर और देवी राम मारवाड़ी पिता महादेव राम मारवाड़ी की मां के नाम पर भी 15 कट्ठा के साथ-साथ परिवार के अन्य लोग जिसमें मोइनराम मारवाड़ी पिता द्वारिका प्रसाद मारवाड़ी के नाम पर 15 कट्ठा एक धूर, लोकनाथ मारवाड़ी पिता रामौतार राम और भागीरथ देवी पिता/ पति बृजमोहन राम के नाम पर एक बीघा 15 कट्ठा एक धूर, भागीरथी देवी पिता/ पति बाबू बृजमोहन राम के नाम पर 15 बीघा 17 कट्ठा 10 धूर सरकारी परती कदीम जमीन की फर्जी तरीके से बंदोबस्ती कर पंजी टू में दर्ज कर दी गयी.

खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है बंदोबस्ती वाली जमीन

सरकारी प्रावधान के अनुसार बंदोबस्ती वाली जमीन की किसी भी कीमत पर खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है. अहस्तांतरणीय शर्त पर ही यह भूमिहीन को दी जाती है. सरकार से स्वीकृति मिलने पर भूमिहीनों को अधिकतम पांच एकड़ जमीन की बंदोबस्ती की जा सकती है. सरकार ने एक एकड़ जमीन वाले को भूमिहीन की श्रेणी में रखा है. सामान्य श्रेणी के भूमिहीनों, ड्यूटी के दौरान शहीद सैनिकों के उत्तराधिकारियों, दिव्यांगों और उग्रवादियों से मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों के आश्रितों को भी सरकार जमीन की बंदोबस्ती करती है.