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Hindi Diwas: 12 विद्यार्थियों को मिला हिंदी मेधा सम्मान, साथ ही 90 छात्र-छात्रा भी हुए सम्मानित

हिंदी के लिए सम्मानित छात्र-छात्राएं
– फोटो : रूपेश कुमार

विस्तार

ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर हुए हिंदी मेधा सम्मान व पुरस्कार वितरण समारोह में 12 विद्यार्थियों को हिंदी मेधा सम्मान मिला। वहीं, 90 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

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समारोह के मुख्य अतिथि मशहूर शायरा रिहाना शाहीन, मुमताज नसीम, डीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश भारद्वाज, मुख्य वक्ता एएमयू के प्रो. शंभुनाथ तिवारी और वरिष्ठ साहित्यकार कुमार अतुल रहे। अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. प्रेमकुमार ने की। उन्होंने बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर कक्षा 12 में हिमांशु सिंह, काजल, कक्षा 10 में यश बंसल, रश्मि, सोनम मौर्य, अभिषेक बघेल, तुषार चौधरी, रिद्धि उपाध्याय, विकास पाल, ऋषिका चौधरी, आदित्य यादव, शैवी को हिंदी मेधा सम्मान प्रदान किया। ब्रिलिएंट कैंपस स्कूल कासिमपुर के श्रेयान श्रीवास्तव को उत्कृष्ट कविता पाठ के लिए सम्मानित किया गया। 

मुमताज़ नसीम ने कहा कि मोबाइल और अन्य तकनीकी गैजेट्स के दौर में हिंदी को लेकर इस तरह का उत्साह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। फिर उन्होंने शेर सुनाए। रिहाना शाहीन ने कहा कि हिंदी और उर्दू देश को जोड़ने वाली भाषाएं हैं। उन्होंने अपने कलाम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रधानाचार्य श्याम कुंतैल ने आभार जताया। संचालन डॉ. चंद्रशेखर शर्मा ने किया। इस अवसर पर सुधा सिंह, संतोष शर्मा, दीपा अधिकारी, चंद्रवती शर्मा, मनोरमा शर्मा, अनीता शर्मा, आरती यादव, पारुल गौतम, पल्लव, शालिनी रानी आदि मौजूद रहीं।

हिंदी बनेगी वैश्विक भाषा : प्रेमकुमार

डॉ. प्रेमकुमार ने कहा कि हिंदी को वैश्विक भाषा बनने से कोई नहीं रोक सकता। हिंदी को हिंदी से जुड़े लोगों को नवाचार की भाषा बनाना होगा। हिंदी में नवाचार करके ही हम भावी पीढ़ी को आगे बढ़ा सकते हैं। हिंदी अपने अंदर कई देशों की भाषाओं को समाहित कर रखा है। 

सम्मान से बढ़ता है मनोबल : प्रो शंभुनाथ 

एएमयू के हिंदी विभाग के प्रोफेसर शंभूनाथ तिवारी ने कहा कि विद्यालयों में विद्यार्थियों के रवैया, व्यवहार और चरित्र को लेकर काम करने की आवश्यकता है। हम इन तीन विषयों पर जब ढंग से काम कर लेंगे तो निश्चित रूप से हमारी भावी पीढ़ी आगे बढ़ेगी। हमें विद्यार्थियों के भीतर भाषाई संस्कार डालने होंगे।

खुद को तराशना होगा : प्रो. मुकेश 

डीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मुकेश कुमार भारद्वाज ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने आपको तराशना होगा। इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का सम्मानित होना अत्यंत महत्वपूर्ण और अनुकरणीय है। प्रयास निश्चित रूप से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाएंगे।

ये रहे प्रथम 

सुलेख प्रतियोगिता में कक्षा एक के पार्थ लोधी प्रथम, कक्षा दो की शगुन, श्रुतलेख प्रतियोगिता में कपिल कुमार, कक्षा दो की आराध्या, कक्षा तीन की बुलबुल, कक्षा-चार की सौम्या मौर्या, कक्षा पांच की नव्या, चित्रात्मक वर्णन (मेघालय अरुणाचल प्रदेश) में कक्षा तीन की दक्षा चौधरी, कक्षा चार की वैभवी प्रजापति कक्षा पांच की प्राची, कविता प्रतियोगिता में कक्षा एक की उत्कर्ष राज सिंह, कक्षा दो की अवनी, कक्षा तीन की मुद्रिका अग्रवाल, कक्षा चार की सर्वांगी, कक्षा पांच की सुमित कक्षा 11 के साकेत कुमार, उद्घोष लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 6 की निशा, कक्षा सात की यक्षा शर्मा, कक्षा आठ की चैतन्या, संवाद लेखन प्रतियोगिता में कक्षा छह की शिवांगी, कक्षा सात की अनुष्का शर्मा, कक्षा आठ के प्रद्युम्न यादव, रामचरितमानस काव्य पाठ प्रतियोगिता में कक्षा छह की प्रियांशी, कक्षा सात की कौशिकी मिश्रा, कक्षा आठ की अक्षिता सिंह, वाद विवाद प्रतियोगिता में कक्षा 11 की मनोग्या मुदगल, आशु भाषण प्रतियोगिता में कक्षा 10 की सुरभि, भाषण प्रतियोगिता में कक्षा 12 की आयुष चौधरी प्रथम स्थान पर रहे।