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Salary में हुआ 15 प्रतिशत का इजाफा Bank कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी

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बैंकिंग सेक्‍टर के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब बैंकर्स की सैलरी 15 प्रतिशत बढ़ने का रास्‍ता साफ हो गया है। बुधवार को IBA (इंडियन बैंक एसोसिएशन) और बैंक यूनियनों के बीच हुई महत्‍वपूर्ण बैठक में यह सहमति बनी है। इसके अनुसार बैंक कर्मचारियों को अब वर्ष 2017 से 2022 के बीच 5 साल की अवधि के लिए 15 प्रतिशत इंक्रीमेंट मंजूर हो गया है। इसका एरियर नवंबर 2017 से जुड़कर मिलेगा। लंबे समय से बैंक यूनियन इसकी मांग कर रहे थे। SBI भारतीय स्‍टेट बैंक (State Bank Of India) के मुख्‍यालय पर बुधवार को हुई निर्णायक बैठक में आखिर इस पर सहमति बन गई। वेतन बिल वृद्धि मंजूर होने से अब बैंकिंग सेक्‍टर के लिए वार्षिक रूप से 7,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त भार आएगा। UFBU के संयोजक CH वेंकटाचलम का कहना है कि वेतन में संशोधन के बाद अब 35 बैंकों के हजारों कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। हर पांच साल में एक बार IBA और ट्रेड यूनियन के बीच मेंबर बैंकों में कार्यरत 8 लाख से भी ज्‍यादा बैंकर्स की सैलरी के मुद्दे पर बात होती है। इन दोनों के बीच काफी लंबा समय बीतने के बाद अब मूल रूप से नवंबर 2017 के संशोधन पर आपसी सहमति बनी है। इससे पहले वर्ष 2012 में IBA ने कर्मचारियों की 15 प्रतिशत सैलरी बढ़ाई थी। और अब, (2017 से 2022 तक पांच साल की अवधि के लिए) बैंक यूनियनों ने मुख्‍य तौर पर 20 प्रतिशत इंक्रीमेंट की मांग उठाई थी जबकि IBA ने अपनी तरफ से शुरुआत में सवा बारह प्रतिशत 12.25 इजाफे की पेशकश रखी थी। इस एग्रीमेंट के बाद अब बैंकर्स के लिए एक नया पे-स्‍केल तैयार होगा। साथ ही एक और बदलाव होगा। अब बैंकर्स के लिए भी PLI यानी परफार्मेंस लिंक्‍ड इंसेंटिव सिस्‍टम लागू किया जाने वाला है। यह इंसेंटिव बैंक के ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी संचालन के दौरान होने वाले शुद्ध लाभ के आधार पर दिया जाएगा। इसका भुगतान वार्षिक होगा और यह वेतन से अलग बतौर प्रोत्‍साहन दिया जाएगा। अच्‍छा काम करने वाले बैंकर्स के लिए यह उत्‍साह बढ़ाने का काम करेगा। इस बैठक में यह भी तय किया गया है कि अब बैंकिंग कर्मचारी के वेतन से NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्‍टम में योगदान का प्रतिशत 14 होगा। मौजूदा दौर में यह 10 प्रतिशत है, जिसे 4 प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। इस 10 प्रतिशत में महंगाई भत्‍ता और बेसिक-पे भी शामिल होता है, इसे 14 प्रतिशत किए जाने का निर्णय हुआ है। हालांकि इसे लागू करने के लिए सरकार की स्‍वीकृति जरूरी होगी। बैंकिंग सेक्‍टर में वेतन विसंगति हमेशा से चला आ रहा है मुद्दा है। निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकर्स के बीच वेतन असमानता एक लांग टर्म समस्‍या है, जिसे लेकर अब सेंट्रल बैंकर्स के बीच बातचीत और बहस शुरू हुई है। इससे पहले वर्ष 2016 में RBI के तत्‍कालीन गवर्नर रघुराम राजन ने इस मुद्दे पर बात शुरू की थी। उन्‍होंने यह बात उठाई थी कि RBI समेत PSB (पब्लिक सेक्‍टर बैंक) के सीनियर कर्मचारियों का वेतन इंटरनेशनल स्‍टैंडर्ड से कमतर ही है।