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रांची: ईडी ने CM को चौथा समन जारी कर 23 सितंबर को बुला

Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीएम हेमंत सोरेन को फिर से समन भेजकर 23 सितंबर को उपस्थित होने को कहा है. इससे पहले ईडी ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को तीसरा समन भेज कर पूछताछ के लिए नौ सितंबर को हाजिर होने को कहा था. हालांकि सीएम पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गये. वह जी-20 समिट में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के लिए अपने दिल्ली रवाना हो गये. उनके साथ पिता सांसद शिबू सोरेन भी दिल्ली गये थे.

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सीएम ने ईडी से समन वापस लेने का किया था आग्रह

वहीं ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर समन पर रोक लगाने की मांग की है. पूर्व में समन जारी किए जाने को भी सीएम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं. उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है. अपनी याचिका में हेमंत सोरेन ने कहा है कि ईडी द्वारा उन्हें समन कर बुलाया जाना गलत है. बता दें कि ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजकर रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कह चुकी है.

इससे पहले सीएम की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया था कि ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है. मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है. वह सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट याचिका पर कोर्ट के फैसले के बाद ही पूछताछ के लिए हाजिर होने के मुद्दे पर विचार करेंगे. मुख्यमंत्री ने जमीन मामले में पूछताछ के लिए जारी पहले समन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उसे वापस लेने का अनुरोध ईडी से किया था. साथ ही समन वापस नहीं लेने की स्थिति में कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही थी. लेकिन ईडी ने समन वापस लेने से इनकार करते हुए दूसरा समन जारी कर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया था.

आरसी 25/23 केस ईसीआईआर में किया है समन

बता दें कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आरसी – 25/23 (ईसीआईआर) में समन किया है. इससे पहले 17 नवंबर 2022 को ईडी ने अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी. इस दौरान ईडी ने उनसे पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल किये थे. साथ ही हेमंत सोरेन से संपत्ति की पूरी जानकारी मांगी थी. उस वक्त सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी.

रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की

ईडी ने जमीन घोटाले की जांच दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू की थी. सेना के कब्जे वाली जमीन मामले की जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख था कि फर्जी नाम-पता के आधार पर सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई है. रांची नगर निगम ने मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ईडी ने उसी प्राथमिकी को ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की थी.

सीएम ने 23 अगस्त को दायर की थी रिट पिटीशन

सीएम ने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर इडी की कार्रवाई को चुनौती दी थी. साथ ही न्यायालय से समन को स्थगित करने या पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया. लेकिन पिटीशन की शीघ्र सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध नहीं किये जाने की वजह से ईडी ने तीसरा समन जारी कर नौ सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था.

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