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जर्जर प्राथमिक विद्यालय: अभिभावकों ने गेट पर लगाया ताला, बोले- बिल्डिंग नहीं बनने तक बंद रहेगा स्कूल

स्कूल गेट पर ताला डालते अभिभावक
– फोटो : संवाद

विस्तार

अलीगढ़ में गोरई क्षेत्र के गांव महदोरा में प्राथमिक विद्यालय के जर्जर होने की वजह से बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों  ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। फिर  स्कूल के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया।

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अभिभावकों का कहना है कि काफी लंबे समय से स्कूल की मरम्मत करने की बात कही जा रही है, लेकिन अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। प्राथमिक स्कूल महदौरा का भवन जर्जर होने पर शिक्षा विभाग द्वारा कोई सुधार न कराने से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार स्कूल में ताला लगा दिया। उनका कहना था कि बच्चों की जान से खिलवाड़ नही कर सकते, इसलिए ताला तभी खुलेगा जब स्कूल का सुधार कार्य शुरू होगा। शिक्षकों ने काफी मिन्नते कीं, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।

अध्यापकों ने अधिकारियों से फोन पर ग्रामीणों की बात कराई, लेकिन फिर भी ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पूरे स्कूल की बिल्डिंग नहीं बनेगी, तब तक स्कूल के गेट पर ताला लगा रहेगा।  स्कूल भवन 1995 का बना हुआ है। स्कूल अब जर्जर हालत में है। छत के  लेंटर में  जगह-जगह  दरारें  पड़ी गईं हैं। छत का प्लास्टर   टूट-टूट कर गिर  रहा है। अभी कुछ दिनों पहले दो बच्चों चोटिल भी हो गए थे। 

ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त व जर्जर हो चुका है, जो कभी भी गिर सकता है। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई हैं। बारिश के दिनों में छतों से पानी टपकता है, जिससे बच्चों का बैठना भी मुश्किल हो जाता है। अधिकारी सुधार नहीं करवा रहे हैं, इसलिए स्कूल के गेट पर ताला डाल दिया गया। स्कूल में 198 बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों के बैठने के लिए स्कूल में कमरे पर्याप्त नहीं है। कमरे जर्जर होने पर बच्चे खुले आसमान, धूप, बरसात में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।

आए दिन कोई न  कोई हादसा होने का डर बना रहता है। अभी दो दिन पहले स्कूल की टीचर  व प्रधानाचार्य  के ऊपर लेंटर गिरने से बच गया। ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाने से कतरा रहे हैं।  आंगनवाडी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी कोई कमरा उपलब्ध नहीं है। बच्चे भी खुले में बैठकर पढ़ते हैं। ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। अधापको ने बताया कि इस समस्या से हम लोग भी काफी परेशान है। बरसात आने पर बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है, जिससे कोई हादसा न हो। 

ग्रामीण प्रमोद राघव का कहना है कि अगर कोई  बड़ा हादसा हो गया, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। शिक्षा विभाग इसकी और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पूर्व में भी वेसवां में भी जर्जर भवन की हालत में सुधार नहीं होने से हादसा हो चुका है। अगर समय रहते इस भवन की हालत की तरफ विभाग ने ध्यान नहीं दिया, तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्रदर्शन  में अशोक कुमार ,मोहित कुमार ,शिवकुमार ,कालीचरण ,राजू ,विपिन शर्मा, दिनेश , रामबाबू, अशोक पचौरी, भिकंबर सिंह ,धर्मवीर पवन कुमार आदि लोग मौजूद थे।

जर्जर भवन का सर्वेक्षण कराया जायेगा। जिसकी रिपोर्ट बीएसए को भेजी जाएगी। बच्चों की सुरक्षा जरूरी है, समस्या का निदान जल्द किया जायेगा। -गोपाल त्यागी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, गोंडा, अलीगढ़