कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। कोरोना का कहर भारत में भी जारी है। इस घातक संक्रामक बीमारी ने देश के लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। चिंता की बात यह है कि अस्पतालों में मौजूद बेड्स से कई गुना ज्यादा संख्या में मरीज मौजूद हैं। ऐसे में हालातों पर नियंत्रण रखने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों ने कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों और एसिम्टोमेटिक पेशेंट्स को घर में ही इलाज कराने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही जो लोग कोरोना संक्रमण का घर में इलाज करा रहे हैं, उन्हें राहत देने के लिए इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एंड डेवलपरमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को होम केयर और आयुष इलाज को कोविड स्टैंडर्ड हेल्थ पॉलिसी के तहत रखने का कहा है।
IRDAI के मुताबिक, ‘कोरोना कवच’, स्टैंडर्ड इंडेमिनिटी बेस्ड कोविड 19 पॉलिसी किसी भी परिस्थिति में इलाज का खर्च कवर करेगी, इसमें प्री-एक्जिस्टिंग कंडीशन भी शामिल हैं। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण या बीमारी का इलाज भी शामिल है जो साढ़े तीन महीने से साढ़े नौ महीने तक का है।
अगर आप कोरोना संक्रमित हैं और इसका इलाज घर पर ही करा रहे हैं तो इन जरूरी बातों को नजरअंदाज न करें। सबसे पहले, मरीज को घर पर इलाज शुरू करने से पहले किसी सरकार द्वार मान्यता प्राप्त डायग्नोस्टिक सेंटर से कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट प्राप्त करना अनिवार्य है।
कोरोना का अगर कोई मरीज घर पर इलाज ले रहा है तो उसे अधिकतम 14 दिनों का कवर मिलेगा। क्लेम तभी एप्रूव होगा जब किसी अथॉराइज्ड मेडिकल प्रैक्टिश्नर द्वारा घर पर इलाज कराने की सलाह दी गई हो।
कोरोना कवच पॉलिसी के जरिए कोरोना के कुछ चुनिंदा खर्चे जिसमें घर में या डायग्नोस्टिक सेंटर में कराए गए टेस्ट, डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाईयों, डॉक्टर की फीस, मेडिकल स्टॉफ से जुड़े नर्सिंग चार्जेस के लिए क्वालिफाई किया जा सकता है।
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