प्रवासी श्रमिकों की वापसी से पहले बिलासपुर जिला कोरोना संक्रमण के मामले में पूरी तरह सुरक्षित था। केंद्र सरकार के मापदंडों पर तब जिला पूरी तरह खरा उतरा था और ग्रीन जोन में शामिल किया गया था। तब प्रदेश के गिने चुने ग्रीन जोन वाले जिले में हमारा जिला शामिल था। जैसे ही प्रवासियों की वापसी का सिलसिला शुरू हुआ न जाने किसकी नजर लगी कि संक्रमण का रफ्तार भी बढ़ने लगा । प्रवासी श्रमिकों की वापसी के साथ ही ऐसा कोई दिन नहीं जब कोरोना संक्रमण का मामला सामने न आया हो।
अब तो स्थिति एकदम उलट हो गई है। बढ़ते संक्रमण के बीच बिलासपुर जिला संभाग के सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन वाला जिला बन गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो याद तक 45 प्रमुख जगहों को कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी ने कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। ये चार ब्लॉक में आते हैं।
चार ब्लॉक रेड जोन में
जिले के चार ब्लॉक मस्तूरी, कोटा, बिल्हा व तखतपुर व बिलासपुर शहर को रेड जोन में तब्दील कर दिया है। तब रेड जोन में तब्दील किए गए ब्लॉक के अंतर्गत क्वारंटाइन सेंटरों में भी विवाद की स्थिति बनी थी। एक रेड जोन ब्लॉक मस्तूरी की स्थिति दिनोदिन भयावह होती जा रही है।
बता दें कि बिलासपुर संभाग में अब तक 1699 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि पूरे राज्य में अब तक कोरोना 7489 लोग इस गंभीर संक्रामक बीमारी से पीडित हो चुके हैं। पूरे राज्य में अब तक 43 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है।
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