ट्रेनों में कोरोना से बचाने वाले कोच लगेंगे। इन्हें पोस्ट कोविड-19 नाम दिया है। ये कपूरथला समेत अलग-अलग रेल कारखानों में तैयार किए जा रहे हैं, जो भोपाल से गुजरने वाली ट्रेनों में लगेंगे और यहां से सफर करने वाले यात्रियों को भी संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी। शुरू में इनकी संख्या सीमित होगी, लेकिन कोरोना की वैक्सीन या दवा तैयार नहीं होती है तो इन्हें बढ़ाया जाएगा। ऐसे कोच तीन से छह महीने के भीतर ट्रेनों में लगने शुरू हो जाएंगे।
संक्रमण से ऐसे बचाएंगे पोस्ट कोविड-19 कोच
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि यात्री कोच के हैंडल को ज्यादा पकड़ते हैं। इसका कोई विकल्प भी नहीं है, क्योंकि ट्रेन में चढ़ते समय हैंडल का सहारा लेना ही पड़ता है। इसलिए इन्हें कॉपर कोटेड किया जा रहा है। टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग वाली सीटें लगाई जा रही हैं, क्योंकि सीटों को सुरक्षित करना सबसे जरूरी हो गया है। दरअसल, एक ट्रेन जब अपने प्रारंभिक स्टेशन से आखिरी स्टेशन तक चलती है तब तक उस सीट पर दर्जनों यात्री बैठते हैं। इस तरह बीच में उक्त सीट को पूरी तरह सुरक्षित करन पाना मुश्किल होता है। जब कोटिंग वाली सीटें लगा दी जाएंगी तो संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।
रेलवे बोर्ड के उक्त अधिकारी ने बताया कि कोच में प्लाजा एयर प्यूरिफायर भी लगाया जाएगा। यह भी काफी मदद करेगा। इसके अलावा कोच के अंदर शौचालय का भी बार-बार इस्तेमाल होता है, इसलिए उनकी चटकनी पैर से खुल और बंद हो सकें, इस विकल्प पर काम कर रहे हैं। ताकि हाथ लगाने की जरूरत ही न पड़े। कोच के अंदर ज्यादातर डस्टबिन पैर से ऑपरेटर होने वाले हैं, लेकिन सभी डस्टबिनों को इसके दायरे में लाया जाएगा।
ट्रेन के रिजर्वेशन कोचों में कंबल व बेडशीट देना बंद किया है।
– स्टेशन पर प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
– 10 साल व उससे कम उम्र के बधो और वरिष्ठ नागरिकों को सफर से बचने की सलाह दी गई है।
– शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया है।
– रेलकर्मी यात्रियों के टिकट हाथ में लिए बिना ही जांच-पड़ताल कर रहे हैं।
मास्क अनिवार्य किया है, आरोग्य सेतु एप सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य किया है।
– ट्रेनों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है, साफ-सफाई के विषेष इंतजाम किए हैं।
– यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि छींकते व खांसते समय मुंह पर रूमाल, कपड़ा रखें।
– बीमार होने की स्थिति में बिल्कुल भी यात्रा न करें।
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