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छत्तीसगढ़ High court का फैसला, निजी स्कूल ले सकेंगे ट्यूशन फीस

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। निजी स्कूल संचालक अब छात्रों से ट्यूशन फीस की वसूली कर सकेंगे। हाई कोर्ट ने निजी स्कूल प्रबंधन को सशर्त अनुमति दी है। इसमें कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन बीते सत्र में तय निर्धारित ट्यूशन फीस ही लेंगे। इसके एवज में शिक्षकों व स्टॉफ को वेतन देना होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि इस दौरान स्कूल प्रबंधन अपने किसी भी स्टॉफ को नौकरी से बाहर नहीं करेगा।

बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर लोक शिक्षण संचालनालय के एक अप्रैल 2020 को जारी आदेश को चुनौती दी थी। संचालनालय ने एक आदेश जारी कर कोरोना संक्रमण को देखते हुए फीस की वसूली पर रोक लगा दी थी। साथ ही यह भी हिदायत दी थी कि दबावपूर्वक फीस वसूलने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को मामले की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में हुई । प्रकरण की सुनवाई के बाद जस्टिस कोशी ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। जस्टिस कोशी ने निजी स्कूल प्रबंधन को ट्यूशन फीस वसूलने की अनुमति तो दे दी है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करने कहा है कि आर्थिक संकट के कारण जो अभिभावक फीस जमा नहीं कर सकते हैं उनको छूट दी जाए।

इसके लिए अभिभावकों को आवेदन देना होगा। उनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा है कि फीस में कोई बढ़ोतरी न की जाए और किसी भी स्टॉफ को नौकरी से नहीं निकाला जाए। सभी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ देने के निर्देश भी दिए हैं। प्रदेशभर के 22 निजी स्कूलों के संचालकों के संगठन बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की ओर से राज्य शासन के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जस्टिस पी सैम कोशी ने 14 पेज का विस्तृत आदेश जारी किया है। इसमें स्कूल प्रबंधकों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति तो दी है साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि इस दौरान किसी भी स्टाफ को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा।उन्हें नियमित रूप से वेतन भी दिया जाएगा। बकाया और वर्तमान ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी फीस भी वे नहीं ले सकेंगे। साथ ही फीस में इस दौरान वृद्घि भी नहीं कर सकेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो अभिभावक वास्तविक आर्थिक संकट के कारण फीस पटाने में सक्षम नहीं है उन्हें फीस से छूट दी जाए। इसके लिए स्कूल प्रबंधन को मापदंड तय करना चाहिए। अभिभावकों को व्यक्तिगत रूप से स्कूल प्रबंधक के सामने उपस्थित होना पड़ेगा और अपनी आय का विवरण देकर बताना होगा कि वे इस समय फीस देने में सक्षम नहीं हैं।

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