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शारीरिक और मानसिक परेशानियां Online क्लास से बच्चों की सेहत पर पड़ रहा बुरा असर,

 कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से कई महीनों से स्कूल बंद हैं। बच्चे इस समय Online पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल टाइम शुरू होते ही ऑनलाइन क्लास लग जाती है। बच्चे घर से ही लैपटॉप, डेस्क टॉप या मोबाइल के जरिए इससे जुड़ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एक दिन में घंटों चलने वाली Online पढ़ाई का बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत पर भारी पड़ रहा है। छोटे बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इस मुद्दे पर कोलकाता से विशाल श्रेष्ठ की रिपोर्ट पढ़िए।

Online पढ़ाई की वजह से बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों को नजरअंदाज करना काफी नुकसानदेह हो सकता है। बहुत से बच्चे इन दिनों आंखों में दिक्कत और सिरदर्द की शिकायत कर रहे हैं। बहुत से बच्चों के स्वभाव में आया चिड़चिड़ापन अभिभावकों की चिंता का विषय बन गया है।

हावड़ा के एक प्रतिष्ठित स्कूल में तीसरी की छात्रा भाव्या की मां पूर्णिंमा गोयल ने बताया, ‘मेरी बेटी की सुबह 40 मिनट की लगातार तीन व दोपहर को 40 मिनट की लगातार दो क्लास चलती हैं। कभी-कभी वह आंखों में जलन या दिक्कत और सिरदर्द की शिकायत करती है। उसमें थोड़ा चिड़चिड़ापन भी मैंने महसूस किया है। पहले जब मेरी बेटी सुबह से शाम तक स्कूल में पढ़ाई करके घर लौटती थी तो भी ऊर्जा व उत्साह से भरपूर नजर आती थी। वह स्कूल के माहौल व अपने सहपाठियों को बहुत मिस कर रही है। इस समय सिर्फ जरूरी विषयों की क्लास ही लगाना चाहिए और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टीविटीज की ऑनलाइन क्लास बंद कर देनी चाहिए। नेत्र विशेषज्ञ एवं मेडिकल कॉलेज आरआईओ के निदेशक डॉ. असीम कुमार घोष ने कहा कि मोबाइल पर पढ़ाई करना आंखों के लिए बेहद नुकसानदेह है। एक घंटा पढ़ाई करने पर दो घंटे आंखों को आराम देना चाहिए। लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों की मांसपेशियां शुष्क हो सकती हैं। आंखों से पानी बहना शुरू हो सकता है और नजर कमजोर पड़ सकती है। इसके अलावा भी नेत्र संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई सही नहीं है। चाइल्ड न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर दीप्तांशु दास ने कहा कि समस्या शारीरिक से ज्यादा मानसिक है क्योंकि आजकल तो छोटे बच्चे भी घंटों मोबाइल पर समय बिताते हैं। दरअसल ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर अभिभावक ज्यादा विश्वासी नहीं हैं। ऑनलाइन क्लास को लेकर बच्चे भी ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं। इसके कई कारण हैं। स्कूल में बच्चे सहपाठियों के साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं। आपस में बातचीत करते हैं। खेलते-कूदते हैं और टिफिन शेयर करते हैं। ऑनलाइन क्लास में वे घर पर अकेले बैठकर पढ़ते हैं। इससे बोरियत पैदा हो रही है और उनमें चिड़चिड़ापन आ रहा है। एक शिक्षिका ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि क्लास में बैठकर पढ़ाने और ऑनलाइन क्लास लेने में जमीन-आसमान का अंतर तो है ही। बच्चे ही नहीं, हमें भी इस तरह से पढ़ाने में काफी परेशानी हो रही है।