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दैनिक ”शुभम संदेश” की खबरों पर राज्यपाल ने लगाई मुहर – Lagatar

राज्य के विश्वविद्यालयों में नासूर बन चुका है भ्रष्टाचार

झारखंड के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को बताया सभी समस्याओं की जड़

Namita Tiwari 

भाषा

Ranchi: राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में नासूर बन चुका भ्रष्टाचार सभी समस्याओं की जड़ है. इन संस्थाओं से सभी अनियमिताओं को समाप्त किया जाएगा. अगले दो-तीन वर्षों में राज्य विश्वविद्यालयों में आमूल चूल सुधार किया जाएगा. उक्त बातें झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने समाचार एजेंसी को दिए गए विशेष साक्षात्कार में कहीं. बता दें कि दैनिक शुभम संदेश लगातार राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के खेल को उजागर करता आ रहा है. अब राज्यपाल ने दैनिक शुभम संदेश की खबरों पर मुहर लगाते हुए विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को नासूर करार दिया है.

उन्होंने कहा कि मैं अपने सभी विश्वविद्यालयों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का प्रयास कर रहा हूं. नासूर बन चुका भ्रष्टाचार सभी बुराइयों का मूल कारण है. मैं इसे खत्म करना चाहता हूं. झारखंड के विश्वविद्यालयों से फर्जी प्रमाणपत्र नहीं बन सकेंगे.

उन्होंने कहा कि राज्य संचालित किसी विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालय की सूची में शामिल नहीं किया गया. मैं अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रहा हूं कि अगले तीन-चार साल में कम से कम पांच विश्वविद्यालय इस सूची में जगह बनाएं ताकि लोग रांची और झारखंड को प्रतिभाशाली मानव संसाधन के केंद्र के रूप में देखें.

भर्तियां और पदोन्नति न होने पर अफसोस

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड सरकार से विश्वविद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक अलग सेवा आयोग बनाने को कहा है. उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि वर्ष 2008 के बाद से प्रोफेसर या सहायक प्रोफेसर के पदों पर कोई बड़ी भर्ती नहीं हुई और पदोन्नति भी रुकी हुई थी.

मैं वीसी के चयन में हस्तक्षेप नहीं करता

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि मैं कुलपतियों के चयन में हस्तक्षेप नहीं करता. यह पूरी तरह से पारदर्शी है. मैं सिस्टम के अनुसार काम करता हूं. हम उचित कुलपतियों को नियुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं. हम राजभवन से उनकी निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने मौजूदा शोध गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में सुधार लाना राजभवन की प्राथमिकता है. इसके लिए सभी राज्य विश्वविद्यालयों को एक विजन दस्तावेज और 2035 तक की रणनीति तैयार करने के लिए कहा गया है.

गलतियों का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथित संलिप्तता वाले खनन पट्टा मामले का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि हर किसी को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है. कहा कि हर किसी को अपने कर्मों का परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. सनसनीखेज मामलों से जल्दबाजी में नहीं निपटा जा सकता. सोरेन द्वारा कथित तौर पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर स्वयं को पत्थर खनन पट्टा आवंटित किए जाने को लेकर विवाद छिड़ गया है. पूर्व सीएम रघुबर दास ने सोरेन पर पिछले साल इस संबंध में आरोप लगाए थे. राज्यपाल ने कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहते, जिससे राज्य में अनावश्यक रूप से राजनीतिक अशांति पैदा हो और इसके विकास को नुकसान पहुंचे. यदि किसी से कोई गलती होती है, तो उसे उसका परिणाम भुगतना पड़ता है.

सही समय पर पढ़ूंगा लिफाफा

भाजपा ने सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका दायर की थी. माना जाता है कि निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त 2022 को राज्य के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया था. राज्यपाल ने कहा कि आयोग का फैसला मेरे पूर्ववर्ती (बैस) को एक सीलबंद लिफाफे में प्राप्त हुआ था. मैंने इसे पढ़ा नहीं है…मैं उचित समय पर इस पर गौर करूंगा….बहुत सनसनीखेज मामलों से जल्दबाजी में नहीं निपटा जा सकता. आपको इसे ठीक से और पूरी तरह से समझना होगा और संविधान विशेषज्ञों की सलाह लेनी होगी. मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता, जिस पर सवाल खड़े किए जाएं. मैं कोई खराब मिसाल कायम नहीं करना चाहता. विशेषज्ञों के साथ अनौपचारिक विचार-विमर्श जारी है. इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. मैं केवल प्रचार के लिए कभी कुछ नहीं करता.

आरक्षण के खिलाफ नहीं पर 77% आरक्षण वाला विधेयक मंजूर नहीं कर सकता

सीपी राधाकृष्णन ने राज्यपाल द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वह किसी आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षक होने के नाते मैं वह झारखंड में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों में 77 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव वाले विधेयक को मंजूरी देने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण को लेकर तय की गई 50 प्रतिशत की सीमा संबंधी दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं कर सकता.

माओवादियों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता

राज्यपाल ने कहा कि हमें संगठित अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी. कोई जेल से गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और कोई विदेश से काम कर रहा है. उन्होंने माओवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता को रेखांकित किया. कहा कि आप सर्च ऑपरेशन चलाते हैं. आप अपनी सारी खुफिया जानकारी का उपयोग करते हैं. आप चाहें तो मैं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से सारी जानकारी ले सकता हूं, ताकि हम झारखंड में नक्सलवाद को कुचल सकें. मेरे कार्यभार संभालने के बाद हम पहले ही तीन कर्मियों को खो चुके हैं…यह बहुत दर्दनाक और चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि मैंने नक्सलियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बारे में मुख्यमंत्री से बात की थी. मुख्यमंत्री ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने पुलिस बल को कोई भी कार्रवाई करने की पूरी आजादी दी है.