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तेज बुखार से 3 लोगों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने कहा- वजह डेंगू नहीं; मलेरिया के रोगी मिलने से भी इनकार

धनबाद में तीन लोगों की तेज बुखार बदन दर्द समेत अन्य कारणों के चलते मौत हो गई। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों के पीछे डेंगू का कारण होने से साफ इनकार कर दिया। जिले में 23 दिनों के बीच 800 मरीजों की मलेरिया जांच हुई। विभाग की माने तो इसमें एक भी मलेरिया का मरीज नहीं मिला है।

02 Oct 2023

धनबाद : धनबाद में डेंगू के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। डेंगू की पहले मरीज की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने 9 सितंबर को की थी। 23 दिनों के अंदर अब तक 42 डेंगू के मरीजों की पुष्टि की गई है। राहत की बात यह है कि इसमें 41 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं, जबकि एक संक्रमित मरीज निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने जाकर मरीज की जांच की। मरीज की स्थिति फिलहाल ठीक है। इधर, उपायुक्त के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार विभिन्न इलाकों में कंटेनर सर्वे और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

800 मरीज की हुई मलेरिया जांच, नहीं मिले एक भी मरीज

बुखार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और टाइफाइड की जांच एक साथ की जा रही है। जिले में अब तक 23 दिनों के बीच 800 मरीजों की मलेरिया जांच की गई है। विभाग की माने तो इसमें एक भी मलेरिया का मरीज नहीं मिला है। डेंगू मरीज मिलने के बाद सबसे ज्यादा संक्रामक वायरस फीवर को लेकर है। जिला वेक्टर बोर्न डिजीज सलाहकार रमेश कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव और बरसात के कारण वायरस संक्रमण का असर सबसे ज्यादा रहा। लोग बुखार बदन दर्द से पीड़ित हुए। ऐसे में, लगातार बीमारियों की जांच की जा रही है।

तीन की हुई मौत, विभाग ने नहीं माना डेंगू का कारण

धनबाद तीन लोगों की मौत तेज बुखार बदन दर्द समेत अन्य कर्म से हो गई, लेकिन तीनों मौत को स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू का कारण नहीं माना। महुदा के एक मरीज की मौत रिम्स रांची में हो गई। वहीं, झरिया में दो मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग का कहना है इन मरीजों की मौत दूसरी बीमारियों की वजह से हुई है। हालांकि, अब बुखार से पीड़ित थे। विभाग का दावा है कि डेंगू के लक्षण नहीं मिले हैं। जिले में डेंगू से मौत की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, जो भी मरीज मिल रहे हैं। वह स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। इलाके में लगातार सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। – डॉ चंद्र भानु प्रतापन, सिविल सर्जन, धनबाद