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क्वालिटी एजुकेशन न न : जीरो पढ़ाई, सिर्फ कमाई

 एनआईआरएफ की रैंकिंग में झारखंड का एक भी विश्वविद्यालय नहीं

Amit Singh

Ranchi : 12वीं के बाद स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना चाहते हैं. क्वालिटी एजुकेशन के लिए बेहतर रैंकिंग वाले विश्वविद्यालय का चयन करते हैं. लेकिन स्टूडेंट्स को टॉप टेन या बेहतर रैंकिंग वाले विवि की सूची में झारखंड का एक भी विश्वविद्यालय नहीं दिखता. क्योंकि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय को जगह नहीं मिली है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि ज्यादातर विश्वविद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर जिम्मेवार पढ़ाई पर कम ध्यान दे रहे हैं. छात्रों के बहाने करोड़ों की अवैध कमाई कर रहे हैं. जिम्मेवार पढ़ाई पर कम, निर्माण और खरीदारी पर ही ज्यादा खर्च कर रहे हैं. प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा किए जा रहे खर्च का ऑडिट करा दिया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी.

झारखंड में 10 राज्य, एक केंद्रीय, 16 निजी और एक समवत विश्वविद्यालय है. एनआईआरएफ हर साल देश के विश्वविद्यालयों को रैंकिंग प्रदान करती है. यह रैंकिंग विवि को उनके प्रदर्शन और उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और शिक्षा की गुणवत्ता आदि के आधार पर दी जाती है. देशभर की यूनिवर्सिटी को रैंकिंग देने के लिए कई मानक तय किए गए हैं.

प्रदेश के तीन विवि में नहीं है एक भी प्रोफेसर

झारखंड के सात सरकारी विश्वविद्यालयों में से तीन प्रोफेसर विहीन हैं. तीनों के पीजी डिपार्टमेंट असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफसर के भरोसे चल रहे हैं. तीन अन्य विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जहां मात्र एक-एक प्रोफेसर हैं. एकमात्र रांची विश्वविद्यालय में पांच प्रोफेसर हैं. रांची के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, धनबाद स्थित बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय और पलामू स्थित नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में 21-22 स्नातकोत्तर विभाग हैं. लेकिन इन तीनों विवि के किसी भी विषय में प्रोफेसर नहीं हैं.

तीन विवि में एक-एक प्रोफेसर, पुराने हो रहे रिटायर

झारखंड देश का इकलौता राज्य है, जहां विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए 31 दिसंबर 2008 के बाद से नियमावली ही नहीं बनी है. रांची विवि के रांची कॉलेज को वर्ष 2017 में यूनिवर्सिटी बनाया गया. इसे नया नाम मिला डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय. छह साल बाद भी यहां स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई. पुराने शिक्षक रिटायर हो गए. यहां प्रोफेसर स्तर के एक भी शिक्षक नहीं हैं. तीन अन्य विश्वविद्यालयों कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका और विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में केवल एक-एक प्रोफेसर हैं. हालांकि, कोल्हान विवि के इकलौते प्रोफेसर भी कुछ दिनों पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं. शिक्षा विभाग की मानें, तो कॉलेज शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए नियमावली तैयार कर ली गयी है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिसूचित कर दिया जाएगा. इसके बाद शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी.

इन विश्वविद्यालयों को एनआईआरएफ में मिली जगह

1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलोर

2. जेएनयू, दिल्ली

3. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली

4. जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता

5. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

6. मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपुर

7. अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर

8. वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वेल्लोर

9. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़

10. यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, आंध्र प्रदेश

झारखंड में संचालित में प्रमुख विश्वविद्यालय

1. रांची विश्वविद्यालय, रांची

2. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची

3. भारतीय खनि विद्यापीठ विश्वविद्यालय, धनबाद

4. विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग

5. सिदो कान्हू विश्वविद्यालय, दुमका

6. नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, मेदिनीनगर

7. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद

8. वीमेंस यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर

9. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची

10. कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा

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