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एक किमी… दिखाओ, पांच हजार पाओ; पत्रकार ने थानेदार से लस्सी का इंतजाम करने को क्यों कहा?

साहिबगंज में सड़कों की हालक जानकर आप अपना सिर पकड़ लेंगे। आलम यह है कि एक व्यक्ति ने तो जिले में एक किमी अच्छी सड़क दिखाने पर पांच हजार देने का ऐलान कर दिया। व्यक्ति के इस मैसेज को किसी ने मजाक में लिया तो किसी ने इसे गंभीर समस्या बताया। इस पर नेताओं को चिंतन-मनन जरूर करना चाहिए।

03 Oct 2023

साहिबगंज। जिले की सड़कों की दुर्गति से लोग परेशान हैं। गांव की छोड़ दीजिए यहां तो शहर की सड़कों पर चलना मुश्किल है। पूर्वी फाटक से टमटम स्टैंड जानेवाली सड़क की स्थिति यह है कि लोग रिफ्यूजी कॉलोनी होकर आते-जाते हैं। मिर्जा चौकी जाने वाले एनएच की तो पूछिए ही मत। बारिश हुई तो लगा नदी बह रही है। यात्रियों से भरा टोटो कोदरजन्ना चौक पर पलट गया। एक व्यक्ति ने वॉट्सएप पर फोटो डाला तो उसपर खूब प्रतिक्रिया आई। एक व्यक्ति ने तो जिले में एक किमी अच्छी सड़क दिखाने पर पांच हजार रुपया पुरस्कार की घोषणा तक कर दी। इसके बाद एक ने एक किमी पैदल चलने पर इनाम देने की बात कह डाली। बात समाप्त हो गई, लेकिन स्थिति वाकई गंभीर है। नेताओं को चिंतन-मनन जरूर करना चाहिए। वैसे पोलैंड से साइकिल यात्रा पर निकले आंद्रे ने भी कहा- रोड इज वेरी बैड।

अब तक नहीं मिली पहचान

नगर थाना क्षेत्र के गुड़ बाजार में रविवार को बड़ी घटना हो गई। अपराधी मुख्य मार्ग स्थित थोक कारोबारी के यहां से रुपये से भरा गल्ला लेकर फरार हो गए। बाइक से आए अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया। पुलिस के हाथ अब तक इस मामले में खाली है। अब अंदर की बात जान लीजिए करीब पांच माह से नगर थाना प्रभार पर ही चल रहा है। नगर थाना प्रभारी धर्मपाल कुमार एक मई को बीमार हो गए थे तब शिवकुमार सिंह को प्रभार दिया गया था। बाद में अमित गुप्ता को वहां का प्रभार दिया गया। धर्मपाल कुमार का यहां से ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन नगर थाना के प्रभारी कक्ष के बाहर अब भी उन्हीं के नेम प्लेट की लगी हुई है। नगर थाना आने-जाने वाले लोग असमंजस में हैं तो वहां तैनात अमित गुप्ता की मन:स्थिति क्या होगी यह आप अंदाजा लगा लीजिए। ऐसे में, अपराध तो बढ़ेगा ही।

करना होगा लस्सी का इंतजाम

जिले के अधिकतर थानेदार इन दिनों परेशान हैं। कारण, फरियादी अपनी फरियाद लेकर सीधे पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम के यहां पहुंच जा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक आवेदन को तत्काल वॉट्सएप पर ही संबंधित थानेदार को भेज देते हैं। कई बार थानेदारों को फटकार भी लग जाती है। इस वजह से एसपी के यहां से आनेवाले फरियादियों को थानेदार पहले उनके यहां आने की नसीहत दे रहे हैं। कहते हैं कि पहले थाना में आवेदन दीजिए। सुनवाई न हो तो एसपी साहब के पास जाइए लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

एक थानेदार ने पिछले दिनों अपनी समस्या कुछ पत्रकारों को सुनाई। एक पत्रकार ने सुझाव दिया-एसपी साहब फरियादियों को चाय भी पिलाते हैं। आप लस्सी का इंतजाम करिए फरियादी आपके यहां ही पहले आएंगे। अब देखिए थानेदार सलाह पर कब तक अमल करते हैं।