Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत के लिए 9 लाख रुपए पीड़िता को मुआवजा के तौर पर देने का आदेश गिया था. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट द्वारा मेंटेनेंस के लिए तय की गई राशि को 4 हजार रूपए प्रति माह से बढ़ाकर दस हजार रुपए प्रति माह करने का आदेश दिया है. इस संबंध में रोहित जायसवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस वी एन भट्टी की बेंच ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा अग्रिम जमानत के लिए तय की गई अन्य शर्तों में हस्तक्षेप नहीं किया.
दरअसल रोहित जायसवाल की शादी वर्ष 2020 में हुई थी. लेकिन किसी कारण वश उनके और उनकी पत्नी के बीच वर्ष 2021 में शुरू हुआ विवाद कोर्ट तक जा पहुंचा. रोहित जायसवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए यह शर्त रखी थी कि पीड़िता को 9 लाख रुपए के भुगतान के बाद उसे अग्रिम जमानत की सुविधा मिलेगी. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ रोहित ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसपर ये फैसला आया.
इसे भी पढ़ें – रांची: धुर्वा डैम घूमने गई नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार
More Stories
दिल्ली बम खतरा: आईजीआई एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, दो निवेशकों को भी मिला खतरा ई-मेल, सर्च ऑपरेशन जारी
नॉट डबल करने के नाम पर मझौता प्रोफेसर से 25 लाख
पंजाब न्यूज़: 6 साल की मासूम दरिंदगी की हुई शिकार, बाबा ने की अश्लील बातें