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पूजन तो होकर रहेगा चाहे तुम्हारी सूजन और बढ़ जाए

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29/July/2020 Wednesday

Editorial:

Article:

अयोध्या में 5 अगस्त को भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। राम मंदिर भूमि पूजन में 22 द्मद्द चांदी की इन ईंटों से नींव रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी। अयोध्या को 5 अगस्त को मिलेंगी 500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं। देश-दुनिया के करोड़ों हिंदुओं की आस्था और भावनाओं से जुड़े इस मुद्दे को लेकर विपक्षियों ने राजनीति शुरू कर दी है।

इसको लेकर ट्विटर पर प्तकहींपूजनकहीं_सूजन    KahiPujanKahiSujan प्तदाढ़ी_वाले_जिन्नाह  GoBackFaizKhan

ट्रेंड हो रहे हैं और लोग राम मंदिर का विरोध करने वाले लोगों को ट्रोल कर रहे हैं।

राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम को जहां दिव्य और भव्य बनाने की तैयारियां हो रही हैं, वहीं मस्जिद निर्माण को लेकर किसी तरह की चहल-पहल नजर नहीं आ रही हैं। वर्षों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक मुस्लिम पक्षकार जिस तरह से सक्रिय नजर आते थे, वो अब नहीं आ रहे हैं। इलाके के मुस्लिमों में मस्जिद को लेकर कोई उस्ताह नजर नहीं आ रहा है।

पाकिस्तान में जहां मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है वहॉ खुदाई के दौरान पाई गई बुद्ध की प्रतिमा को उसी प्रकार से खंडित किया जा रहा है। जिस प्रकार से अफगानिस्तान में तालिबान शासन के समय बायिमान की विश्व की सबसे ऊंची ऐतिहासिक बुद्ध की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया गया था।

आज का ही समाचार है लाहौर के ऐतिहासिक गुरुद्वारे को मस्जिद में बदलने की योजना का भारत ने किया विरोध : 

पाकिस्तान के लाहौर में भाई तारु सिंह जी के ‘शहीदी स्थानÓ गुरुद्वारा को मस्जिद बताया गया है। इसे कब्जाने वाले मौलवी ने कहा है कि पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और यह सिर्फ मुस्लिमों के लिए है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है।

पाकिस्तान जैसे ही बंग्लादेश भी इस्लामिक देश है, परंतु वहॉ अर्थात बंग्लादेश में ३०० साल पुराने 300 साल पुराने काली मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है।

संविधान  की मूल प्रति में आप देखें तो वहॉ राम और कृष्ण के चित्र दिखेंगे। परंतु संविधान की मूल प्रति में  अगर आप देखें तो हमारे पास तीन शब्द नहीं हैं। वे समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता हैं। इन शब्दों को 42 वें संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा हमारे संविधान की आत्मा को हथौड़ा देने के लिए परिभाषित किए बिना डाला गया है । पं. नेहरू द्वारा कला 370 के समावेश के बारे में भी यही कहा जा सकता है।

http://www.indiansamachar.in/tag/constitution-of-india/

आश्चर्य इस बात का है कि धर्म निरपेक्ष अर्थात सेक्युलरिज्म शब्द को संविधान में संशोधन कर जोड़ तो दिया गया कांग्रेस शासनकाल में परंतु उसकी परिभाषा जानबुझकर नहीं दी गई। यही कारण है कि वोटबैंक पॉलिटिक्स के लिये मुस्लिम तुष्टिकरण के लिये पीएम मोदी द्वारा जो भूमि पूजन का आयोजन हो रहा है उसका विरोध कांगे्रस, एनसीपी, शिवसेना अपने-अपने ढंग से विरोध कर रहे हैं। इसकी चर्चा २७ जुलाई २०२० के लोकशक्ति के संपादकीय में हम कर चुके हैं।

अब आज दाढ़ी वाले जिन्ना असदुद्दीन ओवैसी   को राम मंदिर के भूमिपूजन में सांप्रदायिकता नजर आ रही है।

>> राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है, इस बीच कुछ विपक्षी दल कोरोना काल में राम जन्म भूमि स्थल पर भूमि पूजन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक वीडियो संदेश के जरिए विरोधियों पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि, श्रीराम जन्मभूमि पर पूजन विरोधी बयान चाहे किसी कांग्रेसी का हो या कम्यूनिष्ट का, सैक्यूलरिष्ट का हो या किसी जिहादी का, ये सब कुछ और नहीं, बल्कि सब पूजन की ही सूजन है।

अपने वीडियो में विनोद बंसल ने कहा कि, “500 सालों के संघर्ष के बाद और 70 साल की कानूनी लड़ाई के बाद में 5 अगस्त को वह स्वर्णिम क्षण आने वाला है, जिसको देखने के लिए पूरा विश्व टकटकी लगाए इंतजार कर रहा है। लेकिन वहीं दूसरी ओर कुछ लोग अपनी राजनीतिक सत्ता और अपनी जिहादी सोच से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जब से पीएम मोदी के अयोध्या जाने की बात सार्वजनिक हुई है, तब से लेकर एक-एक करके लोग बिल से बाहर निकलते चले आ रहे हैं।”