Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

पहाड़ी कोरवा एतवाराम को मिला वन अधिकार पत्र भूपेश बघेल द्वारा

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप जशपुर जिला प्रशासन द्वारा दूरस्थ अंचलों में निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं के वन अधिकार पत्र वितरण का कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत कारादरी के टोलापारा स्थिति कस्बा कादोपानी मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां अनुसूचित जनजाति के पहाड़ी कोरवा किसान श्री एतवाराम परिवार के साथ खेती-बाड़ी करके जीवनयापन कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा उन्हें वन अधिकार का पट्टा दिया गया है। चारो ओर से जंगल से घिरे कादोपानी एक छोटा सा कस्बा है जहां अनुसूचित जनजाति, पहाड़ी कोरवा का एक समुदाय निवास करता है। राज्य शासन की मंशा के अनुरूप वनों में निवास करने वाले आदिवासी किसानों एवं अनुसूचित जनजाति के पहाड़ी कोरवा परिवारों को वन अधिकार पट्टा दिया गया है।

 उल्लेखनीय है कि कादोपानी ग्राम के 68 वर्षीय श्री एतवाराम ने बताया कि उनका परिवार लगभग 5 पीढ़ी से इस गांव में निवास कर रहे हैं। कृषक श्री एतवाराम का कृषि कार्य में विशेष रूचि होने के कारण खेती-किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वनअधिकार मान्यता अधिनियम के लागू होने के बाद एतवाराम ने जिला प्रशासन को वन भूमि पटृटा के लिए आवेदन किया। उन्हें काबिज भूमि का वन अधिकार पट्टा दिया गया। जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा के माध्यम से उनके भूमि का समतलीकरण कार्य भी किया गया है। श्री एतवाराम अब वन भूमि के मिले पट्टे के जमीन पर खेत बनाकर खेती-बाड़ी करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ी कोरवा विकास प्राधिकरण मद से उनके खेत में तालाब निर्माण होने से उनके द्वारा मछली पालन भी किया जा रहा है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। श्री एतवाराम का कहना है कि शासन की योजनाओं का लाभ मिलने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है। 

You may have missed