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जवान बन रहे बुजुर्ग और सुहागनें बन रहीं विधवा, पेंशन लेने के लिए लोग नहीं छोड़ रहे कोई कसर

वृद्ध या विधवा पेंशन इसलिए दिया जाता है ताकि बुढ़ापे में या पति की मौत के बाद विधवाओं को किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े वे आर्थिक रूप से सक्षम हो। लेकिन अब इन्‍हीं पेंशन योजनाओं का फायदा कम उम्र के लोग भी लेने लगे हैं। चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड से इसके सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

09 Oct 2023

चतरा राज्य सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन योजना (एसएसएसओएपीएस) के तहत लाभुकों के चयन में घोर अनियमितता बरती गई है। पेंशन की माया में युवा वृद्ध बन गए हैं, तो महिलाएं सधवा से विधवा बनकर योजना का लाभ ले रहीं हैं। इस प्रकार के सर्वाधिक मामले चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड से सामने आ रहे हैं

पेंशन के नाम पर हो रहा बड़ा फर्जीवाड़ा

पेंशन का लाभ लेने के लिए 60 वर्ष या उससे अधिक की उम्र सीमा निर्धारित है। जबकि उपर्युक्त प्रखंड में सौ से अधिक ऐसे लोग हैं, जिनकी उम्र 30 से 55 वर्ष आयु के बीच है और उन्हें वृद्धा पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। लाभुक को हर महीने हजार रुपये मिलते हैं। यदि जांच कराई जाए तो एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।

38 वर्ष के विशेषवर को वृद्धा पेंशन

एसएसएसओएपीएस के तहत स्वीकृत लाभुकों की सूची में हंटरगंज प्रखंड के करमा पंचायत के बसरिया गांव निवासी विशेषवर, पिता डोमन यादव का नाम है। सूची में क्रम संख्या-14895 (जेएच-एस-07402980) है। मतदाता सूची के अनुसार विशेषवर की उम्र 38 वर्ष है। इस योजना का लाभ लेने के लिए 60 वर्ष से अधिक उम्र होनी चाहिए।

मेरे संज्ञान में मामला नहीं है। निर्धारित उम्र सीमा वालों को ही योजना का लाभ मिलेगा। जिनकी उम्र अहर्ता के अनुसार नहीं है, उनका नाम पेंशन सूची से हटा दिया जाएगा- विजयी राम, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, चतरा।

युवती से वृद्धा बन गई कुंती

हटरगंज प्रखंड की करमा पंचायत के बसरिया गांव के जगदीश यादव की पुत्री कुंती देवी की उम्र मतदाता सूची के अनुसार 26 वर्ष है। इनका चयन एसएसएसओएपीएस के तहत वृद्धा पेंशन के लिए हुआ है। स्वीकृत सूची में क्रम संख्या-14957 है। योजना स्वीकृति नंबर-जेएच-एस-07104860 है। जानकारों का कहना है कि चतरा के सभी प्रखंडों में वृद्धा और विधवा पेंशन की स्वीकृति में खेल हुआ है। हंटरगंज में विभिन्न योजना के तहत 21,165 लाभुकों को वृद्धा पेंशन मिल रही है। इनमें बड़ी संख्या में वैसे लाभुक हैं, जो अहर्ता को पूरा नहीं करते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों व सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से पेंशन स्वीकृत करा दी गई है।