इजरायल-हमास के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में इजराइल और हमास दोनों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में इजरायल में झारखंड के रांची की रहने वाली विनीता फंसी हुई है। इन्हें घर वापस लौटने का इंतजार है। उसने अपने पिता से वतन वापसी की गुहार लगाई है। ऐसे में पिता अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
11 Oct 2023
रांची : इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के चार दिन हो गए हैं। इस बीच इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रही झारखंड की विनीता घोष युद्ध के बीच देश आना चाहती हैं उन्होंने अपने पिता से वतन वापसी की गुहार लगाई हैं। पिता विश्वजीत घोष ने राज्यसभा सदस्य महुआ माजी से इसे लेकर संपर्क किया है। माजी ने उन्हें आश्वासन दिया है और इस आशय का पत्र उन्होंने दूतावास को मेल कर दिया है। आर्यापुरी रातू रोड निवासी पिता ने बताया कि बुधवार की सुबह बेटी से बात हुई है। वह भी अपने स्तर से भारत आने के लिए प्रयास कर रही है। पिता और माता दोनों बेटी को लेकर परेशान हैं। यह उनकी इकलौती संतान है।
पूर्व मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से भी गुहार लगाई है। वह भी प्रयास कर रहे हैं। पिता के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आती हैं। मां भी परेशान हैं।
विश्वजीत बताते हैं कि हर समय वहां सूचना मोबाइल पर दी जा रही है। वह हॉस्टल में अभी है और उसके नीचे बंकर बना हुआ है। जैसे ही सायरन बजता है, सभी छात्र हॉस्टल के नीचे बने बंकर में चले जाते हैं। हालांकि, सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था है, लेकिन बेटी इस तरह के युद्ध में पहली बार फंसी है तो उसे काफी चिंता हो रही है।
2022 में इजराइल गई थी विनीता
विश्वजीत ने बताया कि फरवरी 2022 में वह इजराइल गई है। वहां के तेलअवीव विश्वविद्यालय स पीएचडी कर रही हैं। वह अभी इसी साल सात जुलाई को रांची आई थी और 10 अगस्त को वापस गई। विनीता की पढ़ाई डीएवी हेहल से हुई। इसके बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि से जूलॉजी में स्नातक एवं इसी में एमएससी की पढ़ाई की। एक साल तक शोध किया। इसके बाद एक और रिसर्च प्रोजक्ट से जुड़ी। इसके बाद पीएच डी के लिए हावर्ड विवि में हो गया था, लेकिन कुछ तकनीकी के कारण से वहां नहीं जा पाई तो तेल अवीव विवि में हो गया। उसे फेलोशिप भी मिला है। इसलिए, उसे यहां से कोई खर्च नहीं भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि बेटी बहुत होनहार है। वही सबकुछ है, जब से सुने हैं, हम सब परेशान हैं।
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