1 aug 2020
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को भूमि पूजन करेंगे। भूमि पूजन को लेकर दुनिया भर के हिंदुओं में उत्साह का माहौल है। रामनगरी अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियों चल रही है। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खास और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी सोशल मीडिया पर राम मंदिर पर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए शर्म की बात तो यह है कि इस विवादास्पद विधायक मेवाणी ने इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को घसीट लिया। इसके बाद लोगों ने राहुल के इस करीबी एमएलए की क्लास लगा दी।
@ModiBharosa
जिग्नेश मेवानी नफरत में यादाश्त खो बैठता है।
रामजन्मभूमि की पहली ईंट रखने वाले दलित थे जो अब ट्रस्टी भी है।
ENTROPY @Entropy_pandey
अबे चापुतिए,
भगवान् राम ने निषाद राज को गले लगाया था,
और महर्षि “शंकराचार्य” के गुरु दलित थे।
इससे बड़ा समता का आदर्श क्या है।
थोड़ा नैतिकता रख इस मातृभूमि के लिए और देश ना तोड़, जहा का खाता है।
ब्राह्मण का परिभाषा देख, और शूद्र का भी ग्रंथो में। मुंह को उत्सर्जन तंत्र ना बना।
10:20 AM · Jul 31, 2020
@NupurDave4
आप MLA बन गए यह बाबा साहेब आंबेडकर की देन है!
लेकिन “आंबेडकर” शब्द को “अंबेडकर” लिखने की समझ आरक्षण की देन है!
#आरक्षण_हटाओ_भेदभाव_मिटाओ
Pravin Rajgor
@pravinrajgor63
रामनाथ कोविंद जी की जीवन यात्रा को ना समज पाना है तेरे संस्कार की देन है
Pramod Kumar
@PramodK98315750
अबे अक्ल के अंधे समाज मे नफरत फैलाने वाले बाबा साहब ये भी बोले थे देश के सर्वोच्च पद पे जिस दिन दलित बैठ जाय उसी दिन आरक्षण खत्म कर देना चाहिए
मानेगा तू बाबा साहब का बात
2:44 PM · Jul 31, 2020
@atinrastogi2020
विधायक बन चुके हो। संविधान की शपथ ले चुके हो। अब तो ये जातिवाद के खेल न खेलो। शर्म करिये विधायक महोदय ।
Social Tamasha@SocialTamasha
मोदी जी प्रधानमंत्री बने ये सवा सौ करोड़ जनता की देन है
तुम्हारी मानसिकता घटिया की घटिया रह गई ये कांग्रेस की देन है
2:09 PM · Jul 31, 2020
Milind Dabhi@MilindDabhi
वाह रे वाह तेरी नीच सोच तुम कभी भी उपर नही आओगे ओर किसी को आने भी नही दोंगे क्युकी क्या हे अगर वो उपर आ गये तो तेरी दुकान बन्द हो जायेगी पर सच तो ये है की आरक्षण तेरे दिमाग मेही है तुजे हर चिज मे आरक्षण चाहिये है तो बॉर्डर पर गोली खाने के लिये क्यू नही?
@sunnyiver @BBCoachHarsh
12:16 PM · Jul 31, 2020
***
कांग्रेसी-वाममपंथी गैंग का कश्मीर में मानवाधिकारों का नया खेल
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने से सबसे अधिक बेचैनी पाकिस्तान और चीन के बाद भारत के अंदर कांग्रेसी और वामपंथी गैंग में है।
05 अगस्त 2019 को भारत की संसद ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किया तो इस गैंग ने सड़क से लेकर न्यायालय तक निर्णय को रोकने के लिए सारे दांव खेले, पर सफल नहीं हुए। आज, फिर उसी निर्णय को गलत साबित करने और कश्मीर पर देश के अंदर और बाहर विरोध खड़ा करने के लिए राज्य में मानवाधिकारों का सवाल उठा रहे हैं।
इस गैंग के लिए मानवाधिकारों का सवाल उन चंद कांग्रेसी और अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लिए ही है जिन्हें जम्मू कश्मीर की सरकार ने नजरबंद कर रखा है, ये कभी उन नागरिकों के मानवाधिकारों से कोई मतलब रखते जिन्हें आंतकवादी सरेआम मार दिया करते हैं।
कांग्रेसी-वामपंथी गैंग को मानवाधिकारों का हनन वहीं दिखाई देता है जहां सरकार बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय के लिए निर्णय लेती है। जम्मू-कश्मीर राज्य में शांति व विकास की धारा को गति देने के लिए राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं को नजरबंद करना, क्या उचित नहीं है? राज्य के नेताओं को, स्थिति के अनुसार समय समय पर सरकार रिहा भी कर रही है, अभी हाल ही में फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा किया ही गया है।
नेताओं को नजरबंद करना और फिर उन्हें रिहा कर देना यह स्पष्ट करता है कि सरकार किसी के मानवधिकारों का हनन नहीं बल्कि राज्य के लोगों के अधिकारों को बनाए रखने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी राज्य में बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय के लिए काम कर रही है। लेकिन कांग्रेसी-वामपंथी गैंग ने 05 अगस्त को देश का माहौल खराब करने के लिए सोशल मिडिया पर कश्मीर के मानवाधिकारों का राग छेड़ रखा है।
इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी की तस्वीर के साथ कश्मीर में मानवधिकारों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसे टीव्ट करते हुए राजदीप सरदेसाई ने लिखा कि केवल कुछ ही समाचार पत्र आज ऐसा कर सकते हैं।
पत्रकार संजुक्ता बासु ने तो सीधे सीधे कहा कि मानवाधिकारों के नाम पर विरोध करने से कुछ नहीं होगा हमें जनती को सीधा कहना होगा कि भाजपा को वोट मत दो।
अंग्रेजी एक और बड़े पत्रकार सिद्धार्थ वरदारजन ने सीधा सुप्रीम कोर्ट को ही लपेट लिया, और लिखा कि कोर्ट को प्रशांत भूषण पर अवमानना का केस चलाने में कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन सरकार पर कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर कोई कार्यवाई नहीं करती है।
अंग्रेजी के समाचार पत्र ‘The Telegraph’ के संकर्षण ठाकुर ने सैफुद्दीन सोज की तस्वीर को ट्वीट करते हुए व्यंग किया है कि एक स्वतंत्र व्यक्ति की तस्वीर
दो कदम आगे बढ़कर ‘The Telegraph’ ने एक बहुत ही भद्दी हेडलाइन दी है। इस समाचार पत्र ने पिछले कई सालों से पत्रकारिता की हदें पार कर दी हैं, इसकी हर हेडलाइन सिर्फ और सिर्फ गाली होती है।
एनडीटीवी की पत्रकार नीधि राजदान ने तो सैफुद्दीन सोज के सुप्रीम कोर्ट से सीधी गुहार लगायी है।
अंग्रेजी और हिन्दी में सरकार के खिलाफ हर मुद्दे पर गाली की भाषा बोलने वाली अरफा खानम ने लोगों को जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों पर बोलने के लिए उकसाया है।
अभी तो कांग्रेसी-वामपंथी गैंग ने एक मुद्दा खड़ा किया है, उस पर एक दो दिन में कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी, प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोलेंगे। शायद, यह हमला 05 अगस्त के दिन ही हो जब प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास कर रहे होंगे।
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