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गवर्नमेंट मिडिल स्कूल पंडरा, पढ़ाई में दे रहा निजी स्कूलों को टक्कर, बच्चे सीख रहे जीवन जीने की कला

स्कूल के 16 शिक्षक 32 कमरों में 1225 बच्चों का गढ़ रहे भविष्य

Rajneesh Prasad

Ranchi : गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, पंडरा रांची जिले के अन्य सरकारी स्कूलों से अलग है. शिक्षा के इस मंदिर में बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जा रहा है. पढ़ाई का स्तर निजी स्कूलों की तरह है. स्कूल के बच्चों को हर दिन सिखाया जाता है कि उन्हें अपना जीवन कैसे जीना है. किताबी ज्ञान के साथ-साथ उन्हें संस्कार भी सिखाया जाता है. जीवन में आगे बढ़ने का मंत्र भी दिया जाता है. प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में कैसे समय के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना है, इसकी भी जानकारी बच्चों को दी जाती है. नतीजा सामने है. स्कूल में 1225 बच्चों ने नामांकन करा रखा है. 32 कमरों में पहली से आठवीं क्लास तक पढ़ाई होती है. 16 शिक्षक बच्चों का भविष्य गढ़ने में जुटे हैं. शिक्षकों के दोस्ताना व्यवहार की वजह से बच्चे नियमित स्कूल आते हैं. पढ़ाई पर पूरा ध्यान रहता है. मन में सवाल आते हैं, तो शिक्षकों से पूछते हैं. शिक्षक भी बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान देते हैं. बच्चे यदि कहीं पढ़ाई में फंसते हैं, तो न सिर्फ उनकी जिज्ञासा शांत करते हैं, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करते हैं. शिक्षकों के दोस्ताना संबंध की वजह से बच्चे उनसे घुलमिल गए हैं. स्कूल का माहौल ऐसा है कि बच्चे समय पर स्कूल आते हैं. मन लगाकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल से कभी नागा नहीं करते हैं.

बच्चों का सिखाया जाता है जीवन जीने की कला

स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर अशोक सिंह बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी दे रहे हैं. बच्चों को प्रतिदिन सिखाया जाता है कि अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए. विद्यार्थियों को देश दुनिया की जानकारी भी दी जाती है. जब चंद्रयान थ्री लॉन्च हो रहा था, तब इस स्कूल के बच्चों को चंद्रयान की सफलता का लाइव दिखाया जा रहा था. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी बच्चों को दिखाया जाता है. स्कूल में स्मार्ट क्लास, लैब, ग्राउंड और साबुन बैंक जैसी सुविधाएं हैं. मुख्यमंत्री भ्रमण कार्यक्रम के क्रम में इस स्कूल के चार बच्चों को दिल्ली जाने का भी मौका मिला है. वहीं स्कूल के बच्चों ने पुलिस मिट कार्यक्रम में भी प्रतिनिधित्व किया है.

स्वतंत्रता दिवस से लेकर हर प्रमुख दिवस की जानकारी दी जाती है

स्कूल के बच्चों को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस सहित महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि से भी आवगत कराया जाता है. उन्हें हर दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है. बताया जाता है कि कोई भी दिवस मनाया क्यों जाता है. बच्चों को संबंधित दिवस के बारे में बताया जाता है आखिर ये है क्या. जिस दिन जिस महापुरुष की जयंती या पुण्यतिथि रहती है, उस दिन बच्चों को उनकी वेश-भूषा में बुलाया जाता है, ताकि बच्चे उनके बारे में विस्तार से जान सकें और उनके गुणों को अपनाएं. विद्यालय के बच्चों को एक बार दुकान-दुकान घूम कर ये जानने को कहा जाता है कि किस नमक में आयोडिन है और किस नमक में नहीं है. इस प्रकार के कई प्रैक्टिकल काम स्कूल के शिक्षकों द्वारा कराए जाते हैं.

मैं हर वक्त तैयार रहता हूं : अशोक सिंह

स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर अशोक सिंह ने बताया कि वे स्कूल के बच्चों की मदद के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं. वे सामाजिक जागरूकता फैलाने का एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं, जिसमें स्कूल के बच्चे पूरा सपोर्ट करते हैं. कहते हैं कि मैं छुट्टी के दिनों में जब भी बच्चों को स्कूल बुलाता हूं, तो वो बिना कुछ पूछे आ जाते हैं. अभी हमारे स्कूल में सौर्य उर्जा से बिजली देने का काम चल रहा है. सिंह ने बताया कि प्रखंड, जिला व राज्य स्तर की किसी भी प्रतियोगिता के लिए तैयारी नहीं करते हैं. कहते हैं, हम पहले से प्रतियोगिता करा कर रखते हैं और बच्चों को वहां भेज देते हैं. प्राइज आना बड़ी बात नहीं है, मैं बच्चों को आगे के लिए तैयार कर रहा हूं, जो एक सभ्य समाज का निर्माण करेंगे. मेरा प्रयास ये है कि बच्चे खुद भी संस्कार सीखें और अपने घर वाले को भी सिखाएं. 365 दिन कौन-कौन सी एक्टिविटीज करनी है, उस एक्टिविटी की पूरी सूची तैयार रहती है. जिला व राज्य स्तर की कई प्रतियोगिताओं में हमारे स्कूल के बच्चों ने प्राइज जीता है.

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