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गोविंदाचार्य ने सियासी अखाड़े में उतारा, JP आंदोलन ने दी पहचान; जानिए कौन हैं ओडिशा के नए राज्यपाल

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्ति किया गया है। राजनीतिक जीवन में उन्होंने पहली बार 1977 में कदम रखा था। हालांकि इन्हें सियासी अखाड़े में उतारने वाले भाजपा के थिंक टैंक कहे जाने वाले गोंविदाचार्य थे। रघुवार दास ने इससे पहले अपने राजनीतिक कैरियर में कई बड़े जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। आइए जानते हैं उनका कैसा रहा राजनीतिक सफर।

19 Oct 2023

जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व अब ओडिशा के राज्यपाल बनने वाले रघुवर दास का राजनीति में पदार्पण 1977 में हुआ था, लेकिन इन्हें पहली बार राजनीतिक अखाड़े में उतारने वाले कभी भाजपा के थिंक टैंक कहे जाने वाले गोविंदाचार्य थे।लगातार तीन बार विधायक रहे दीनानाथ पांडेय का टिकट कटने के बाद जब भाजपा से जब जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के लिए उम्मीदवार की तलाश होने लगी, तो गोविंदाचार्य ने रघुवर दास को टिकट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इन पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके हैं रघुवर दास

इसके बाद रघुवर 15 नवंबर 2000 से 17 मार्च 2003 तक राज्य के श्रम मंत्री रहे। फिर मार्च 2003 से 14 जुलाई 2004 तक भवन निर्माण और 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक झारखंड के वित्त, वाणिज्य और नगर विकास मंत्री रहे। इसी क्रम में रघुवर दास 2009 से 30 मई 2010 तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ बनी भाजपा गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री, वित्त, वाणिज्य कर, ऊर्जा, नगर विकास, आवास और संसदीय कार्य मंत्री भी रहे।

झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास

रघुवर दास झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रहे। 68 वर्षीय रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से लगातार पांच बार विधायक चुने गए। हालांकि, 2019 के चुनाव में इन्हें निर्दलीय विधायक सरयू राय से हार का सामना करना पड़ा, जो रघुवर दास के राजनीतिक जीवन का पहला पराजय रहा। इससे पहले कभी उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा था। टाटा स्टील के कर्मचारी रहते राजनीति में न केवल सक्रिय रहे, बल्कि कई बार टाटा कंपनी के खिलाफ भी आवाज बुलंद करने से पीछे नहीं हटे। हालांकि, 26 सितंबर 2020 को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर संगठन में इन्हें ऊंचा पद दिया गया, लेकिन वह अपनी हार को भुला नहीं पा रहे थे। यही वजह है कि उन्होंने इस बार पूरे दमखम के साथ जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़कर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने की तैयारी में जुट गए थे।

पारिवारिक जीवन के साथ-साथ राजनीति में सक्रिय

रघुवर दास पारिवारिक जीवन के दायित्वों को निभाते हुए भी राजनीति में सक्रिय रहे। उनके पिता का नाम चमन राम है। दास अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तेली परिवार से संबंध रखते हैं। रघुवर दास ने अपना बचपन बहुत अभावों में गुजारा। जमशेदपुर की टाटा स्टील के रोलिंग मिल में मजदूर रहे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भालूबासा हरिजन विद्यालय में हुई। यहीं से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से बीएससी और विधि स्नातक की परीक्षा पास की। रघुवर दास के परिवार में उनकी पत्नी रुक्मिणी दास, बेटे ललित दास व बहू पूर्णिमा ललित दास (पूर्णिमा साहू) के अलावा इनकी बेटी रेणु साहू छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रहती हैं।