चंद्र ग्रहण 2023
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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धर्म और ज्योतिष में इसे शुभ नहीं माना जाता। इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 28 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा की रात को लग रहा है।
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पंडित सीपू जी महाराज ने बताया कि 28 अक्तूबर को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। यह ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा और यह भारत में भी दिखाई देगा। इस ग्रहण की शुरुआत भारत में मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगा और 02:24 बजे तक 79 मिनट तक ग्रहण रहेगा।
भारत सहित इन देशों में दिखेगा
भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में और हिंद महासागर, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा।
दोपहर में ही शुरू हो जाएंगे सूतक
चूंकि ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी माना जाएगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के ठीक नौ घंटे पहले शुरू होता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 28 अक्तूबर को दोपहर 3:15 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूतक काल के दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान किसी भी तरह की पूजा और धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाएंगे।
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