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बच्चा किडनैपिंग गिरोह, हरियाणा का डॉक्टर हिरासत में, 2018 से हर माह करीब 50 गर्भपात कराने का खुलासा

भोपाल में बच्चा किडनैपिंग गिरोह की मास्टर माइंड महिला डॉक्टर दिल्ली में क्लीनिक चलाती है। वह इटावा की रहने वाली है। गिरोह अब तक करीब 20 बच्चों को बेच चुका है। इसमें दो भोपाल के भी शामिल है। 

31 Oct 2023

भोपाल : भोपाल में कन्या भोज के बहाने 11 माह और आठ वर्ष की मासूम बच्चियों के अपहरण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली से भोपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई फर्जी महिला डॉक्टर शक्ति देवी उर्फ सीमा डॉक्टर नहीं है। वह न तो कोई अस्पताल चलाती है और न ही खुद डॉक्टर है। वह उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली है और बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी की पढ़ाई की है। भोपाल पुलिस की टीम ने शक्ति देवाी उर्फ सीमा की निशानदेही पर हरियाणा के एक डॉक्टर अशोक कुमार को भी हिरासत में लिया है, जो अवैध गर्भपात कराने में सीमा के क्लीनिक पर आता था। पूछताछ में पता चला है कि सीमा लोगों से झूठ बोलती थी कि वह डॉक्टर है। वह अपने क्लीनिक पर अवैध संबंधों से गर्भवती होने वाली युवतियों का गर्भपात कराती थी। डिलीवरी भी कराती थी, जो बच्चा लेकर नहीं जाता था, उसे पालने के लिए हरियाणा की अर्चना सैनी उर्फ काजल को दे देती थी। यह बच्चा चोर गिरोह अब तक करीब 20 बच्चों को नि:संतान दंपतियों व अन्य लोगों को बेच चुका है। बेचे गए बच्चों में दो भोपाल के मासूम और तीन दिल्ली के मासूम बच्चे भी शामिल हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि सीमा के क्लीनिक में प्रति माह औसतन 50 युवतियों-महिलाओं का अवैध रूप से गर्भपात कराया जाता था।

एनजीओ के जरिए गरीब बस्तियों में तलाशती थी गर्भवती युवतियां
भोपाल पुलिस की रिमांड पर चल रही डॉक्टर शक्ति देवी उर्फ सीमा ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह शक्ति फाउंडेशन के नाम से संस्था चलाती है। उस संस्था में करीब एक दर्जन कर्मचारी काम करते हैं। दिल्ली और उसके आसपास के जिलों, शहरों और कस्बों में वह शक्ति फाउंडेशन के बैनल तले स्वास्थ्य परीक्षण व अन्य कार्यों के लिए शिविर लागती थी। गरीब बस्तियां उसके टारगेट पर होती थीं। वहां हेल्थ कैंप में आनी वाली युवतियों और महिलाओं की जांच के बाद पता चल जाता था कि इनमें से कौन-कौन गर्भवती हैं। इसके बाद फाउंडेशन के कर्मचारी अविवाहित युवतियों से संपर्क कर गर्भपात कराने की सलाह देते थे। जो युवती या महिला गर्भपात कराने के लिए तैयार हो जाती थी, उसे दिल्ली स्थित डॉक्टर शक्ति देवी उर्फ सीमा के क्लीनिक पर लाया जाता और उसका गर्भपात करा दिया जाता था। 

2018 से चल रहा यह खेल
पूछताछ में सीमा ने खुलासा किया है कि उसका असली नाम सीमा ही है। वह 2018 से अवैध संबंधों में गर्भवती होने वाली युवतियों का गर्भपात करा रही है। इस कार्य में उसका साथ हरियाणा के डॉ. अशोक कुमार जेवर देते थे। क्राइम ब्रांच ने डाक्टर को भी हिरासत में ले लिया है। यह गिरोह गुपचुप तरीके से पूरे दिल्ली और प्रदेश के कुछ शहरों में फैल रहा था, जिसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं हो सकी थी।

गिरोह के कब्जे में करीब पांच बच्चे
पुलिस को पूछताछ में पांच बच्चों के गिरोह के कब्जे में होने की जानकारी मिली है। अब पुलिस यह पता कर रही है कि सीमा ने 2018 के बाद कितने प्रसव कराए हैं और वे बच्चे अभी कहां हैं। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में इस गिरोह से जुड़ी अर्चना ने बताया कि सीमा ने उसे दो बच्चे दिए थे। इनमें से एक को वह वापस मांग रही थी, इसलिए उसने भोपाल से दोनों बच्चियों को अगवा किया था। इसमें एक बच्ची सीमा को देकर दूसरी बच्ची ऐंजल को वह अपने पास रखना चाहती थी। पता चला है कि एक बच्ची सीमा की राजेश नाम के व्यक्ति के संबंधों से पैदा हुई थी, जिसे भी उसने अर्चना को पालने के लिए दिया था।

12 बैंक खाते, 50 सिम बरामद, विदेशों से आई रकम
बच्चा अपहरण गिरोह की मुख्य किरदान अर्चना सैनी उर्फ काजल, उसका लिवइन पार्टनर निशांत रामास्वामी, बेटा सूरज सैनी व उसकी महिला मित्र मुस्कान बानो और नाबालिग बेटी के अलग-अलग शहरों में करीब 12 बैंक खातों की जानकारी मिली है। आरोपियों के पास से अब तक करीब 50 सिमें बरामद की जा चुकी हैं। कुछ बैंक खातों में विदेशों से भी रुपया जमा हुआ है। ऐसे में पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं कुछ बच्चों को विदेशों में तो नहीं बेचा गया है। विदेश से बैंक खातों में पैसे भेजने वाले कहीं यहां से चोरी के बच्चों को तो नहीं खरीदा है। पुलिस खातों की पड़ताल के लिए बैंक अधिकारियों की मदद भी ले रही है। 

अर्चना की फिजियो करते समय हुआ संपर्क
फर्जी डॉक्टर सीमा ने पुलिस का पूछताछ में बताया कि अर्चना सैनी उर्फ काजल के पति फरीदाबाद के रियल स्टेट के बड़े एजेंट थे। वह दिल्ली में फिजियो कराने आई थी, तभी उसकी मुलाकात अर्चना सैनी से हुई। इसके बाद उसने अर्चना को आपे एनजीओ में सामाजिक सेवा करने के बहाने जोड़ा और बच्चों के अपहरण वाले गिरोह में शामिल कर लिया। इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं, इसका पता लगाने के लिए पुलिस सभी सिमों की कॉल डिटेल निकलवा रही है।  अर्चना की पति ने अनबन होने के कारण वह घर छोड़कर दिल्ली में रहने के लिए आई तो मजबूरी में उसको फर्जी डॉक्टर सीमा का सहारा लेना पड़ा।