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जनता के खजाने के चौकीदार मोदी जय श्री राम, जय जवान, जय किसान

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5 aug 2020

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अयोध्या में  राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन करेंगे। भूमिपूजन के पूर्व वे हनुमानगढ़ी जाकर हनुमान जी का दर्शन करेंगे और उनसे भूमिपूजन की अनुमति लेंगे।

आज के अवसर पर स्वर्गीय श्री रविंद्र जैन के एक भजन का स्मरण हो रहा है :  अयोध्या करती है आव्हान, ठाट से कर मंदिर निर्माण।।

वास्तविकता यह है कि मोदी सरकार को भरोसा है: जय श्री राम, जय जवान, जय किसान पर । लद्दाख में गलवान घाटी पर भारत के वीर शहीदों ने गौरवशाली अमरगाथा लिखी है। उसके बाद से पूरा विश्व भारत की शक्तिशाली सेना जो भारत की सीमा की सुरक्षा करने में सक्षम हैं उसकी प्रशंसक हुई है। और इसके विपरीत चीन के विरूद्ध पूरा विश्व एकजूट हो गया है। इसके पूर्व ऐसा कभी नहीं हुआ था।

इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में सहभागी बन और भारत की फौज को स्वतंत्रता देकर यह जता दिया है कि उन पर ही सरकार को भरोसा है।

 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा दौर अब संभवत: बीत चुका है। वित्त मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर मानसून की संभावना को देखते हुए कृषि क्षेत्र कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से जारी जुलाई की वृहद आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के संकट के बाद भारत अब पुनरोद्धार की राह पर है। इसमें सरकार और केंद्रीय बैंक की नीतियों से समर्थन मिला है। इससे यह भी झलक मिलती है  कि मोदी सरकार किसान भरोसे है। अर्थात जय श्रीराम, जय जवान जय किसान इस मंत्र पर सबका साथ सबका साथ सबका विश्वास के मार्ग पर मोदी सरकार चल रही है, दौड़ रही है।

राजनीति क्या न कराए, कभी राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस अब ‘रामÓ का नाम जप रही है।

वो कहावत तो आपने खूब सुनी होगी, “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली!” यह कहावत काँग्रेस पर इस समय बिलकुल फिट बैठती है। श्री राम मंदिर के काम में रोड़े अटकाने के लाख प्रयास करने के बाद अब जब भूमि पूजन का मार्ग प्रशस्त हो चुका है, तो कांग्रेस अपनी राम भक्ति दिखाने के लिए मैदान में उतर आई है। इसका स्वागत होना चाहिये।

कांग्रेस का सुंदर कांड:प्रियंका ने 21 लाइनों में 23 बार राम का नाम लिया, बोलीं- राम सब में हैं, राम सब के हैं; कमलनाथ भी भगवा रंग में।

कांग्रेस के इन नेताओं का राम के नाम का जाप और भगवाकरण का हमें स्वागत करना चाहिये यदि मुह में राम बगल में छूरी कहावत चरितार्थ न कर रहे हों तो।

भगवा : यूपीए शासनकाल के गृहमंत्री द्वय शिंदे और चिदंबरम ने भगवा आतंक और हिन्दू आतंक के शब्द गढ़े थे। राहुल गांधी ने अमेरिका में जाकर यह कहा था कि लश्कर आतंक से ज्यादा खतरनाक भारत में हिन्दू आतंकवाद है।

सोनिया गांधी के निर्देश पर क्रिस्चियन अंबिका सोनी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर यह कहा था कि राम काल्पनिक हैं, मिथक हैं उनकी कोई ऐतिहासिक हस्ती नहीं। मणिशंकर अय्यर ने पूछा था कि राम किस कमरे में पैदा हुए थे?

काँग्रेस ने श्री राम जन्मभूमि परिसर के पुनर्निर्माण में अनेकों बाधाएँ डाली थी। चाहे वकील के तौर पर कपिल सिब्बल द्वारा पवित्र भूमि को सौंपने में रोड़े अटकाने हो या फिर भूमि पूजन के विरुद्ध अपने चाटुकारों द्वारा पीआईएल दाखिल कराना हो या फिर भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ही क्यों न करानी हो। काँग्रेस ने हर कदम पर श्री राम जन्मभूमि परिसर के पुनर्निर्माण में रोड़े अटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन अबकी बार जनता ने उनकी दाल नहीं गलने दी, जिसके कारण अब काँग्रेस अपने आप को राम भक्त दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

दरअसल, पांच अगस्त को पीएम श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए नींव रखेंगे. इसके पहले वह हनुमानगढ़ी मंदिर जायेंगे, जहां हनुमानजी के दर्शन करेंगे और उनसे भूमि पूजन की अनुमति लेंगे. ऐसा इसलिए किया जायेगा, क्योंकि मान्यता है कि ‘भगवान हनुमान के बिना, भगवान राम का कोई भी काम पूरा नहीं होता है.Ó पीएम हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर ही जन्मभूमि स्थली पर राम मंदिर के निर्माण की नींव रखेंगे. अयोध्या में जितना महत्व राम मंदिर है उतना ही हनुमान गढ़ी का भी है।

पीएम मोदी ने 31 मार्च 2019 को चौकीदार अभियान की शुरूआत की थी। उस समय उन्होंने याद दिलाया था कि 2013 में मैंने कहा था कि मेरी ये कोशिश रहेगी कि जनता के पैसे पर पंजा नहीं पडऩे देंगे. पीएम ने कहा, एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा।

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अयोध्या के चौकीदार हनुमान गढ़ी पर कई बार कब्जा करने की हुई थी कोशिश, लेकिन कोई सफ ल नहीं हुआ

बताया जाता है कि अयोध्या के इस मंदिर पर भी कई बार कब्जा करने की कोशिश हो चुकी है, लेकिन इसमें अबतक कोई सफल नहीं हो पाया है। यह एक ऐसी जगह है जिसके साथ सांप्रदायिक सौहाद्र्र की बहुत बड़ी भावना जुड़ी हुई है कि 1774 में नवाब शुजाउद्दौला ने जागीर देकर इसका पुनरुद्धार कराया था। कहा जाता है कि कुछ जिहादी किस्म के मुसलमान 1856 में इस पर कब्जा करना चाहते थे। उस वक्त वाजिद अली शाह की हुकूमत थी, एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ।

 अमृत लाल नागर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन लोगों ने समझौते को तोड़ दिया और मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश की। उस समय वाजिद अली शाह ने मंदिर की सुरक्षा के लिए अपनी फौजें भेजी थीं। कब्जा करने की कोशिश करने वाले 300-400 मुस्लिम मारे गए थे। हनुमान गढ़ी एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें हनुमान जी राजा के रूप में स्थापित हैं।

 लंबे अरसे के बाद अयोध्या  में एकबार फिर से रौनक लौटने लगी है। राम जन्म भूमि अयोध्या में भव्य मंदिर बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए कल यहां भूमि पूजन करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी  हनुमानगढ़ी   मंदिर जायेंगे, जहां हनुमानजी के दर्शन करेंगे और उनसे भूमि पूजन की अनुमति लेंगे। मान्यता है कि ‘भगवान हनुमान के बिना, भगवान राम का कोई भी काम पूरा नहीं होता है।Ó पीएम हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर ही जन्मभूमि स्थली पर राम मंदिर के निर्माण की नींव रखेंगे।

 अयोध्या में राम जन्म भूमि के बाद जो दूसरा सबसे प्रमुख स्थान है वो हनुमान गढ़ी है। ये एक बड़ा किला है, जिसमें सबसे ऊपर हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है। जो भी श्रद्धालु आते हैं पहले वो हनुमान जी के दर्शन करते हैं फिर भगवान राम के दर्शन करने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कल पहले हनुमान गढ़ी में बजरंग बली के दर्शन करेंगे, उसके बाद रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे।

 मान्यता है कि हनुमान जी का वास यहीं एक गुफा में है। वो यहीं रह कर रामजन्मभूमि और रामकोट की रक्षा किया करते हैं। हनुमान जी अयोध्या के असली चौकीदार है। कहा जाता है कि भगवान राम ने ही हनुमान की भक्ति से प्रसन्न होकर कहा था कि जो भी भक्त उनके (भगवान राम के) दर्शन के लिए अयोध्या आयेगा, उसे पहले हनुमान का दर्शन और पूजन करना होगा। अयोध्या में सरयू नदी में पाप धोने से पहले लोगों को हनुमानजी से आज्ञा लेनी होती है।

अयोध्या में जितना महत्व राम मंदिर है उतना ही हनुमान गढ़ी का भी है। अयोध्या में राम भगवान के दर्शन से पहले हनुमानगढ़ी में राम भक्त हनुमानजी के दर्शन करते हैं। मान्यता है जब भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे तो उन्होंने हनुमानजी को रहने के लिए इसी स्थान पर रहने की आज्ञा दी थी। इस मंदिर में 76 सीढिय़ों के चढऩे के बाद हनुमानजी के दर्शन होते है।

 पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीराम जब लंका से लौटे तो श्रीराम और अयोध्या नगरी की सुरक्षा के लिए यहां एक गुफा में रहने लगे। हनुमानगढ़ी यहां का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां पहुंचने के लिए करीब 76 सीढिय़ां चढऩी पड़ती हैं। यहां हमेशा हनुमान जी की बाल स्वरूप प्रतिमा फूलमालाओं से सुशोभित रहती है। हनुमान गढ़ी, वास्?तव में एक गुफा की तरह का मंदिर है।

 ऐसा माना जाता है कि श्रीराम ने सरयू में जलसमाधि से पहले हनुमानजी को कलियुग का राजा होने का वरदान दिया और कहा कि जो भी अयोध्या आएगा, उसे मेरे दर्शन से पहले तुम्हारे दर्शन करने होंगे। तभी से ये मान्यता है कि श्रीराम के दर्शन के लिए हनुमानगढ़ी में भगवान बजरंगबली से अनुमति लेनी होती है। इसलिए हनुमानगढ़ी को हनुमानजी का घर भी कहते हैं। यहां हर साल छोटी दिवाली के दिन आधी रात को संकटमोचन का जन्म दिवस मनाया जाता है।

 हनुमान गढ़ी एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें हनुमान जी राजा के रूप में स्थापित हैं। मान्यता है कि माता जानकी हनुमान जी को अपना पुत्र स्वीकार कर चुकी थीं और अपने पुत्र लव और कुश को राज्य न देकर उन्होंने ज्येष्ठ पुत्र को राज्य दिया। भगवान राम गुप्तार घाट के गुप्त होने से पहले हनुमान जी महाराज को राजा बना गए। 

 हनुमानगढ़ी एक टीले पर स्थित है, इसलिए यहां पहुंचने के लिए करीब 76 सीढिय़ां चढऩी होती है। यहां छह इंच की बाल हनुमान की प्रतिमा है। मुख्य मंदिर में बाल हनुमान के साथ उनकी मां अंजनी की प्रतिमा भी है। मंदिर परिसर में मां अंजनी और बाल हनुमान की एक और मूर्ति है, जिसमें हनुमान अपनी मां अंजनी की गोदी में बालक रूप में लेटे हुए हैं।

मैं भी चौकीदार बोलेगा देश?

31 मार्च 2019, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘मैं भी चौकीदारÓ अभियान के तहत देश भर में 500 शहरों के चौकीदारों को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने रविवार को चौकीदार अभियान की शुरूआत की. जहां उन्होंने याद दिलाया कि 2013 में मैंने कहा था कि मेरी ये कोशिश रहेगी कि जनता के पैसे पर पंजा नहीं पडऩे देंगे. पीएम ने कहा, एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा. साथ ही कांग्रेस को निशाना बनाते हुए पीएम मोदी ने कहा- चौकीदार न कोई व्यवस्था है, न कोई यूनिफॉर्म की पहचान है न कोई चौखट में बंधा है. 

17  मार्च 2019

शनिवार को ‘मैं भी चौकीदारÓ विडियो पोस्ट करने के बाद अब पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपना नाम बदल लिया है। उन्होंने अपने नाम के आगे ‘चौकीदारÓ जोड़ लिया है। ट्विटर पर अब उनका नाम ‘चौकीदार नरेंद्र मोदीÓ हो गया है।

वर्ष 2014 में ‘चायवालाÓ के बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चौकीदार शब्द को भुनाने में जुट गई है। रैलियों में खुद को देश का चौकीदार कहने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘मैं भी चौकीदारÓ विडियो जारी किया था। अब पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपने नाम के पहले चौकीदार जोड़ लिया है। ट्विटर पर अब उनका नाम ‘चौकीदार नरेंद्र मोदीÓ हो गया है।

मैं भी चौकीदार गीत के बोल

मै भी चौकीदार

आप आश्वस्त रहिये

आपका यह चौकीदार

पूरी तरह से चौंकन्ना है

यह देख ये मेरा वतन

यह देख ये मेरा वतन

यह देश ये मेरा वतन

सबका विकास चाहत

और चाहता हूं बस अमन

वो इक अकेला चल पड़ा

मैं उसकी ही कतार हूं

कतार हूं, कतार हूं

हां मैं भी चौकीदार हूं

हां मैं भी चौकीदार हूं

वादा किया है खुद से

अब कूड़ा नहीं फैलेगा

कूड़ा नहीं फैलेगा

भ्रष्टाचार का निदान

को जड़ से यूं मिटाएंगे

जड़ से यूं मिटायेंगे

मैं नये भारत की कल्पना

मैं नये भारत की कल्पना

से सहमत विचार हूं

विचार हूं, विचार हूं

हां  मैं भी चौकीदार हूं

हां  मैं भी चौकीदार हूं

लघु उदयोग है मेरा

मेहतन से करता काम हूं 

मेहतन से करता काम हूं

एक घर का चुल्हा मुझसे है

मैं उज्जवला सा नाम हूं

मैं उज्जवला सा नाम हूं

मैं देश के विकास में

एक छोटा सा भागीदार हंूं

अरे हां जी चौकीदार हूं

वो उंगलियाँ उठायेंगे

वो झूठ कहते जायेंगे

सच की परख तो है मुझे

वो क्या मुझे बहकायेंगे

वो क्या मुझे बहकायेंगे

के झूट कपट के

मैं सत्य का प्रहार हूं

हंा मैं भी चौकीदार हूं

हंा मैं भी चौकीदार हूं

आतंक अब न सहूंगा

हां मैं चुप नहीं रहुंगा

मां भारती का लाल हूं

मैं कब तक नहीं कहुंगा

मैं सरहद के हौंसलों

मैं सरहद के हौंसलों

के साथ एक हुंकार हूं

हुंकार हुं, हुंकार हुंकार

हंा मैं भी चौकीदार हूं ।

हां हां जी चौकीदार हूं

अरे हां जी चौकीदार हूं

हां मैं भी चौकीदार हूं।।

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राजीव गांधी के कारण से नहीं काले मुंह वाले बंदर की प्रेरणा से जज ने राम जन्मभूमि मंदिर का ताला खोलने का आदेश दिया था?

वह काले मुंह वाला बंदर कौन था जिसकी प्रेरणा से जज ने राम जन्मभूमि मंदिर का ताला खोलने का आदेश दिया था? उस समय फैजाबाद के जिला जज थे केएम पांडेय, जिस दिन जज साहब फैसला सुनाने वाले थे उस दिन एक काले मुंह वाला बन्दर अर्थात लंगूर कोर्ट की छत पर झंडा?? लेकर बैठा था। फैजाबाद और अयोध्या के लोग उसे मूंगफली और फल खाने के लिए दे रहे थे, लेकिन चकित करने वाली बात यह थी कि वह कुछ भी खा नहीं रहा था। वह कपि 4.40 शाम को फैसला सुनाने के बाद ही वहाँ से हटा। फैजाबाद के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान जज को उनके बंगले -तक पहुंचाने गये तो उनके बरामदे में फिर वही वानर दिखा जज साहब ने फिर उसे नमस्कार किया और उन्हें लगा यह कोई दैवीय वानर था। उसने आदेश तो नहीं दिया था लेकिन प्रभावित जरूर किया था।

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अयोध्या करती है आव्हान, ठाट से कर मंदिर निर्माण।।

अयोध्या करती है आव्हान,

ठाट से कर मंदिर निर्माण।।

राम भूमि की जय हो,

जन्म भूमि की जय हो,

राम लला की जय हो,

ओ ओ ओ

अयोध्या करती है आव्हान,

ठाट से कर मंदिर निर्माण,

शीला की जगह लगा दे प्राण,

बिठा दे वहां राम भगवान।

सजग हो रघुवर की संतान,

ठाट से कर मंदिर निर्माण।

हिन्दू है तो हिन्दुओ की आन मत जाने दे,

राम लला पे कोई आंच मत आने दे,

कायर विरोधियो को शोर मचाने दे,

जय श्री राम,

कायर विरोधियो को शोर मचाने दे,

लक्ष्य पे रख तू ध्यान।

अयोध्या करती है आव्हान,

ठाट से कर मंदिर निर्माण।।

मंदिर बनाने का पुराना अनुंबध है,

सब तेरे साथ पूरा पूरा प्रबंध है,

कार सेवको के बलिदान की सौगंध है,

जय श्री राम,

कार सेवको के बलिदान की सौगंध है,

बढ़ चल वीर जवान।

अयोध्या करती हैं आव्हान,

ठाट से कर मंदिर निर्माण।।

इत शिवसेना उत बजरंग दल है,

दुर्गावाहिनी में शक्ति प्रबल है,

प्रण विश्वहिंदू परिषद का अटल है,

जय श्री राम,

प्रण विश्वहिंदू परिषद का अटल है,

जो हिमगिरि की चट्टान।

अयोध्या करती है आव्हान

ठाट से कर मंदिर निर्माण।

जिस दिन राम का भवन बन जाएगा,

उस दिन भारत में राम राज आएगा,

राम भक्तो का ह्रदय मुस्काएगा,

जय श्री राम,

राम भक्तो का ह्रदय मुस्काएगा,

खिलते कमल समान।

अयोध्या करती है आव्हान

ठाट से कर मंदिर निर्माण।

सजग हो रघुवर की संतान

ठाट से कर मंदिर निर्माण।

। जय श्री राम।

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वाल्मीकि का जन्म भृगु गोत्र के प्रचेता (जिसे सुमाली भी कहा जाता है) नामक एक ब्राह्मण के रूप में अग्नि शर्मा के रूप में हुआ था , किंवदंती के अनुसार वे एक बार महान ऋषि नारद से मिले थे और अपने कर्तव्यों के साथ उनके साथ प्रवचन किया था। नारद के शब्दों से आगे बढ़कर, अग्नि शर्मा ने तपस्या करना शुरू किया और मरा शब्द का जाप किया जिसका अर्थ था “मरना”। जैसा कि उन्होंने कई वर्षों तक अपनी तपस्या की, शब्द “राम” बन गया, भगवान विष्णु का नाम। अग्नि शर्मा के चारों ओर विशाल एंथिल्स का निर्माण हुआ और इसने उन्हें वाल्मीकि का नाम दिया। अग्नि शर्मा, वाल्मीकि के रूप में फिर से संगठित हुए, उन्होंने नारद से शास्त्रों को सीखा और सभी के प्रति श्रद्धा रखने वाले तपस्वियों में सबसे आगे हो गए।

वाल्मीकि के बारे में कुछ किंवदंतियां भी मौजूद हैं कि वे ऋषि बनने से पहले चोर थे। स्कंद पुराण के नागर खंडा में मुखा तीर्थ के निर्माण के बारे में उल्लेख है कि वाल्मीकि एक ब्राह्मण थे , जिनका नाम लोहाजंघा था और वे अपने माता-पिता के प्रति समर्पित पुत्र थे। उनकी एक सुंदर पत्नी थी और दोनों एक-दूसरे के वफादार थे। एक बार, जब वहाँ के क्षेत्र में बारिश नहीं था अंनर्ता बारह लंबे साल के लिए, लोहजंघा उसकी भूख परिवार के लिए, लोगों की है कि वे जंगल में पाया चोरी शुरू कर दिया। इस जीवन के दौरान वह सात ऋषियों या सप्तर्षियों से मिले और उन्हें भी लूटने का प्रयास किया। लेकिन विद्वान संतों को उस पर दया आ गई और उन्होंने उसे अपने तरीके से मूर्खता दिखाई। उनमें से एक, पुलाहाउसे ध्यान करने के लिए एक मंत्र दिया और ब्राह्मण चोर उसके भजन में इतना तल्लीन हो गया कि उसके शरीर के चारों ओर चींटी-पहाडिय़ाँ आ गईं। जब ऋषियों ने वापस लौटकर मंत्रोच्चार की आवाज़ सुनाई दी, तो उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया और कहा, “जब से आपने एक वाल्मीकि (एक तात्कालिक) के भीतर बैठी महान सिद्धि प्राप्त की, तो आप विश्व में वल्मीकी के रूप में प्रसिद्ध हो जाएंगे। ।

द स्कंद पुराण, नगर खंड, अध्याय 124, मुक्ता तीर्थ का निर्माण ।

ट्ट स्कंद पुराण, भाग 17, (प्राचीन भारतीय परंपरा और पौराणिक कथा श्रृंखला, खंड। रुङ्गङ्क) ,। मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स प्रा। लिमिटेड 2002. पी।

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 भगवान श्रीराम की जन्म पत्रिका

गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस के अनुसार चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि तथा पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण एवं कर्क लग्न में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। गुरु और चन्द्र लग्न में हैं। पाँच ग्रह- शनि, मंगल, गुरु, शुक्र तथा सूर्य अपनी-अपनी उच्च राशि में स्थित हैं। गुरु कर्क राशि में उच्च का होता है। गुरु लग्न में चन्द्र के साथ स्थित है जिससे प्रबल कीर्ति देने वाला गजकेसरी योग बनता है। लेकिन शनि चतुर्थ भाव में अपनी उच्च राशि तुला में स्थित होकर लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है।

 मंगल सप्तम भाव में अपनी उच्च राशि मकर में स्थित होकर लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। इस कुंडली में दो सौम्य ग्रहों- गुरु एवं चन्द्र को दो पाप ग्रह शनि एवं मंगल अपनी-अपनी उच्च राशि में स्थित होकर देख रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रबल राजभंग योग बनता है। फलस्वरूप श्रीराम के राज्याभिषेक से लेकर जीवनपर्यंत सभी कार्यों में बाधाएँ पैदा होती रहीं। जिस समय श्रीराम का राज्याभिषेक होने जा रहा था, उस समय शनि महादशा में मंगल का अंतर चल रहा था।

श्रीरामजी मंगली थे। सप्तम (पत्नी) भाव में मंगल है। राहु अगर 3, 6 या 11वें भाव में स्थित हो तो अरिष्टों का शमन करता है। ग्रह स्थितियों के प्रभाववश श्रीराम को दाम्पत्य, मातृ, पितृ एवं भौतिक सुखों की प्राप्ति नहीं हो सकी।

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नयी दिल्ली,  भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा दौर अब संभवत: बीत चुका है। वित्त मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर मानसून की संभावना को देखते हुए कृषि क्षेत्र कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से जारी जुलाई की वृहद आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के संकट के बाद भारत अब पुनरोद्धार की राह पर है। इसमें सरकार और केंद्रीय बैंक की नीतियों से समर्थन मिला है। रिपोर्ट में

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अनलॉक के चरण में हैं। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था का बुरा समय बीत गया है। हालांकि, कोविड-19 के बढ़ते मामलों और विभिन्न राज्यों में बारी-बारी से लग रहे लॉकडाउन से जोखिम कायम है। रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी तथा इसकी वजह से राज्यों द्वारा कुछ-कुछ दिनों लिए लगाए जा रहे लॉकडाउन से सुधार की संभावनाएं कमजोर पड़ रही हैं। ऐसे में इसकी निरंतर निगरानी करने की जरूरत है।

हालांकि, रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र को लेकर भरोसा जताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के झटकों से उबरने में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र को कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से जल्दी और सही समय पर छूट दी गई, जिससे रबी फसलों की कटाई समय पर हो सकी। साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई भी की जा सकी। रिपोर्ट कहती है कि गेहूं की रिकॉर्ड खरीद से किसानों के हाथों में 75,000 करोड़ रुपये गए हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में निजी उपभोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर, 2019 से व्यापार का रुख कृषि क्षेत्र की ओर हुआ है जिससे ग्रामीण मांग बढ़ाने में मदद मिली है। इससे मार्च से जून, 2020 से ग्रामीण क्षेत्रों की मुख्य मुद्रास्फीति बढ़ी है।  रिपोर्ट में हालिया कृषि क्षेत्र के सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इससे कृषि क्षेत्र नियंत्रण मुक्त हुआ है। साथ ही इनसे किसान सशक्त हुए हैं और वे भारत के विकास की कहानी का एक बड़ा और अधिक स्थिर भागीदार बन सके हैं।

अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ संकेतों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की गतिविधियों तथा आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट अप्रैल की तुलना में मई में कम हुई है। इसी तरह जून में भारत का विनिर्माण पीएमआई 47.2 पर पहुंच गया। मई में यह 30.8 पर था। सेवा पीएमआई मई के 12.6 से जून में 33.7 पर पहुंच गया।

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