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काशी में बोले स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती: राम मंदिर आंदोलन में मारे गए लोगों के लिए होगा रुद्राभिषेक

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स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
– फोटो : सोशल मीडिया।

विस्तार

श्री राम मंदिर आंदोलन में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति व मोक्ष की कामना से देश भर के पांच सौ संत रुद्राभिषेक करेंगे। इसके साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में संस्कृति संसद का श्री गणेश होगा। देश भर से आए पांच सौ संत इस आयोजन का हिस्सा होंगे और तीन संकल्प के साथ ही संस्कृति संसद भी आरंभ होगी।

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यह जानकारी अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने सिगरा स्थित कैवल्ययाान मंदिर में प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि प्रथम संकल्प श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के बलिदानियों की मुक्ति, दूसरा संकल्प राष्ट्र की एकता और अखंडता अक्षुण्ण रहे और तीसरा संकल्प सनातन सापेक्ष सरकार बने। कार्यक्रम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्रीकाशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में गंगा महासभा की ओर से आयोजित हो रहा है। संस्कृति संसद का आयोजन सनातन उन्मूलन को चुनौती देने वालों को करारा जवाब देने के लिए किया जा रहा है। संस्कृति संसद में तीन नवंबर को धर्म विमर्श, चार नवंबर को मातृ विमर्श और पांच नवंबर को युवा विमर्श का आयोजन होगा।

संयोजक गोविंद शर्मा ने कहा कि दो नवंबर को सभी संत सुबह रविदास घाट से बजड़े पर सवार होकर गंगा द्वार पर पहुचेंगे। गंगा पूजन किया जाएगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से संतों का स्वागत किया जाएगा। संस्कृति संसद में देश के चार सौ जिलों से 127 संप्रदायों के 1200 संत सम्मिलित होंगे। इस दौरान अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैवल्य पीठाधीश्वर अविचल देवाचार्य, महाराष्ट्र के महामंडलेश्वर जनार्दन हरि, मध्यप्रदेश के महामंडलेश्वर मनमोहन दास राधे बाबा, श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी आदि मौजूद रहे।