आज हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए बेहद ही खास दिन है, 500 सालों के इंतजार के बाद आखिरकार Ayodhya Ram Janmbhoomi पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Ram Mandir निर्माण के लिए भूमि पूजन करने वाले हैं। प्रधानमंत्री अयोध्या पहुंचने के बाद सबसे पहले हनुमान गढ़ी जाएंगे और उसके बाद भूमि पूजन करेंगे। लेकिन इस सब के बीच वो पारिजात का पौधा भी लगाएंगे। भूमि पूजन से पहले होने वाले इस कार्यक्रम का अपना महत्व है और इस दौरान लगाए जाने वाले पारिजात के पौधे का भी पौराणिक और आयुर्वेदिक महत्व है।
दरअसल, पारिजात के पौधे को काफी पवित्र माना जाता है। महंत राजकुमार दास के अनुसार, प्रधानमंत्री राम जन्मभूमि जाएंगे जहां वो भगवान श्री रामलला विराजमान की पूजा में हिस्सा लेंगे जिसके बाद वो पारिजात का पौधा लगाएंगे, इसके बाद मंदिर का भूमि पूजन होगा। पारिजात को पवित्र पौधा माना जाता है। हिंदू धर्म में पारिजात या हरसिंगार के नाम से मशहूर इस पौधे का पौराणिक महत्व है। भगवान की पूजा में इसके फूलों का उपयोग होता है। इससे भगवान श्री हरि का श्रृगार किया जाता है इसलिए भी इसे हरसिंगार कहा जाता है। यह बेहद ही मोहक खुशबू वाले फुल देता है और इसका आयुर्वेदिक उपयोग भी है। इसका फूल रात में खिलता है और सुबह तक झड़ जाता है इसलिए इसे रातरानी भी कहा जाता है। इसके फूलों की खुशबू इतनी राहत देने वाली होती है कि थकान दूर कर देती है। हिंदू धर्म में पारिजात को लेकर समुद्र मंथन की कथा प्रचलित है। इसके अनुसार यह मंथन से उत्पन्ना हुआ है और द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण, देवी सत्यभामा के लिए इसे स्वर्ग से धरती पर लाए थे। कहा जाता है कि देवताओं के राजा इंद्र के इंद्रलोक की अप्सरा उर्वशी की एक पेड़ को छूने भर से थकान मिट जाती थी और वो पेड़ यही पारिजात का था। कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी को पारिजात के फूल बेहद प्रिय हैं। पूजा के लिए पेड़ से गिरे हुए फूलों का उपयोग किया जाता है और पेड़ से नहीं तोड़े जाते। एक मान्यता यह भी है कि भगवान राम के वनवास के 14 सालों में माता सीता ने इसके फूलों से ही श्रृंगार किया था।
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