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CM Bhupesh आज देंगे गोधन योजना की पहली किस्त के 1.65 करोड़ रुपए, महेंद्र कर्मा के नाम पर तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना की भी शुरुआत

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सीएम भूपेश बघेल बुधवार को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत करीब 47 हजार पशुपालकों के बैंक खाते में 1.65 करोड़ रुपए ट्रांसफर करेंगे। साथ ही, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की जयंती पर उनके नाम से तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना भी शुरू करेंगे। इसके अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर दो लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर चार लाख रुपए दिए जाएंगे। राम वन गमन पथ पर प्रस्तुतिकरण भी दिया जाएगा। दोपहर 3 बजे शहीद महेंद्र कर्मा के चित्र पर माल्यार्पण की श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद दोनों योजनाएं शुरू की जाएंगी। गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई से 1 अगस्त तक गोबर खरीदी की पहली किस्त की राशि सहकारी बैंक के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

4140 गौठानों में पंजीकृत 65694 हितग्राहियों में से 46964 हितग्राहियों ने 82711 क्विंटल गोबर का विक्रय किया। दो रुपए प्रति किलो की दर से 1.65 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। योजना में 38% महिला हितग्राही, 48% ओबीसी, 39% एससी, 8% एसटी और 5% सामान्य वर्ग के हितग्राही हैं। गोबर खरीदी का दूसरी भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत राज्य के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक गोबर विक्रय किया गया। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में रायपुर व दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर विक्रय किया गया है।
विकलांगता पर दो लाख मिलेंगे
तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया (50 वर्ष से अधिक आयु नहीं होने की स्थिति में) की सामान्य मृत्यु पर 2 लाख, दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख अतिरिक्त दिए जाएंगे। दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख की सहायता दी जाएगी। यदि संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 आयु वर्ष के बीच सामान्य मृत्यु होती है तो 30 हजार रुपए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37500 रुपए की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति और उत्तराधिकारी को दी जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ योजना को संचालित करेगा। इसमें एक माह के अंदर प्रकरणों का निराकरण करते हुए अनुदान की राशि सीधे संग्राहकों के बैंक खातों में दी जाएगी।