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महाकाल मंदिर में नए कामों की शुरुआत, नए साल की दर्शन व्यवस्था तय होगी

वर्ष 2023 की विदाई तथा नए साल के आगमन की वेला में देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आएंगे।

06 Dec 2023

उज्जैन : चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद महाकाल मंदिर की व्यवस्था में परिवर्तन के संकेत मिलने लगे हैं। आने वाले सप्ताह में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक होगी। इसमें नए कामों की शुरुआत के साथ नए साल की दर्शन व्यवस्था तक की जाएगी। भस्म आरती दर्शन व्यवस्था में शुल्क आदि को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। महाकाल मंदिर में चल रहे नवनिर्माण के अंतर्गत मंगलवार को हरसिद्धि मंदिर से बड़ा गणेश तथा महाकाल थाना परिक्षेत्र में रोड व दीवार निर्माण आदि को लेकर वर्कआर्डर जारी हुए हैं। जल्द ही इस क्षेत्र में निर्माण कार्य की शुरुआत होगी। इसके अलावा गर्भगृह में नया मार्बल लगाने के काम की शुरुआत भी होना है। अधिकारियों के अनुसार नंदी हाल महत्वपूर्ण स्थान है। यहां एक साथ काम की शुरुआत नहीं की जा सकती है।

सबसे पहले नगाड़ा गेट वाले छोर से काम शुरू किया जाएगा। एक हिस्से का काम पूरा होने के बाद रैंप वाले हिस्से की ओर का मार्बल बदला जाएगा। पूर्व में स्वीकृत अन्य कामों को शुरू करने के लिए एक बार फिर से प्रबंध समिति में मंथन होगा। इसके लिए जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। वर्ष 2023 की विदाई तथा नए साल के आगमन की वेला में देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आएंगे। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने अभी से ही शहर की होटल, लाज व यात्रीगृहों में कमरों की एडवांस बुकिंग कराना शुरू कर दी है। मंदिर प्रशासन के अनुसार 25 दिसंबर से दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ जाएगी।

भक्तों के प्रवेश व निर्गम की व्यवस्था को लेकर प्रबंध समिति की बैठक में विचार किया जाएगा। सूत्र बताते हैं प्रबंध समिति की बैठक में भस्म आरती दर्शन व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है। मंदिर में इसको लेकर अलग-अलग चर्चा है। कुछ लोगों का कहना है कि भस्म आरती व्यवस्था निशुल्क की जा सकती है। वहीं कुछ का कहना है कि समिति भस्म आरती दर्शन व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए प्रति व्यक्ति 500 रुपये शुल्क कर सकती है।

मंदिर में निर्माण,दर्शन आदि को लेकर प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय होते आए हैं। नई व्यवस्था को लेकर जल्द ही प्रबंध समिति की बैठक बुलाई जाएगी। बिना प्रबंध समिति के कोई भी निर्णय नहीं होगा।संदीप कुमार सोनी, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर