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पति की मौत के बाद नहीं दिया था क्लेम, अब 10 लाख का बिल

राजस्थान समाचार: बूँदी। ब्याज की अदायगी के आदेश दिए गए हैं।

इस मामले में परिवादिया अल्लू बाई रेजिडेंट गुवाड़ी ने जिला उपभोक्ता आयोग में एक परिवाद पेश किया था। इसमें कहा गया है कि उनके पति रामदत्त की मृत्यु हो गई थी और एक ऋणग्रस्त बैंकर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में रखा गया था। उनके पति का 10 लाख रुपये का आकस्मिक बीमा हो गया था। परिवार के पति की 27 मई 2022 को मोटरसाइकिल दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट लगने से मृत्यु हो गई।

क्लेम पेश करने के लिए क्लेम कंपनी द्वारा नामांकित प्रार्थना पत्र दिया गया। कंपनी ने करोम से कहा कि घटना की रिपोर्ट नहीं की गई और न ही जांच की गई। उपभोक्ता आयोग पत्रिका ने बिजनेस इंश्योरेंस कंपनी केतकों को ठीक करने का फैसला किया और माना कि घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। किशोरी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पिता की शादी के कारण दुर्घटना मृत्यु हुई है। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार माहेश्वरी, सदस्य संतोष भाकल ने अपना निर्णय लिया।

आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि मृत पति के पक्ष में बीमा पॉलिसी जारी करने के लिए 10 लाख रुपए दिए जाएं। साथ ही पोर्टल प्रस्तुतिकरण की तिथि से 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित भुगतान करें। इसके अलावा मानसिक संताप के लिए 25 हजार रुपये, परिकदखर्च के लिए 10 हजार अतिरिक्त भी मिलेंगे।

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