अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने एक इंटरव्यू में कहा कि एक योगी और हिंदू होने के नाते वे अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के उद्घाटन में नहीं जाएंगे। योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर सियासी बवाल मच गया है। समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी है और मांग की है कि मुख्यमंत्री को माफी मांगना चाहिए। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या में दी है। इस पर मस्जिद बनाई जाना है, जिसके लिए प्लानिंग शुरू हो गई है।
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, जिस दिन वो मुझे बुलाएंगे, देश में कई लोगों की धर्मनिरपेक्षता खतरे में पड़ जाएगी। मैं अपना काम करता रहूंगा और यही कोशिश रहेगी कि बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग को योजनाओं का फायदा मिलता रहे।
Samajwadi Party ने योगी आदित्यनाथ के बयान पर आपत्ति ली है और उत्तर प्रदेश की जनता से माफी मांगी की मांग की है। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है। सपा प्रवक्ता पवन पांडे ने कहा कि इस बयान के जरिए मुख्यमंत्री ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। योगी आदित्यनाथ एक मुख्यमंत्री हैं, ना कि हिंदू। मस्जिद के उद्घाटन पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए Yogi Adityanath ने कहा था, यदि आप मुझसे एक मुख्यमंत्री के रूप में पूछ रहे हैं तो मुझे किसी धर्म, सम्प्रदाय के साथ कोई समस्या नहीं है। लेकिन एक योगी से यह सवाल पूछा जा रहा है तो एक हिंदू होने के कारण मैं वहां बिल्कुल नहीं जाऊंगा। हिंदू होने के नाते अपनी उपासना विधि का पालन करना मेरा अधिकार है। बाबरी मस्जिद केस में मैं न वादी हूं न प्रतिवादी। यही कारण है कि मुझे न तो बुलाया जाएगा, ना ही मैं जाऊंगा। मुझे पता है कि मुझे बुलावा नहीं आएगा।
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