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जन्माष्टमी पर मथुरा में प्रवेश पर पाबंदी 5000 साल के इतिहास में पहली बार

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कोरोना संक्रमण का असर अब जन्माष्टमी पर भी दिखाई देगा। यदि आप कृष्ण जन्माष्टमी पर कन्हैया के दर्शन करने के लिए मथुरा जाने की तैयारी कर रहे हैं तो रुक जाइए। क्योंकि इस दिन श्रद्धालुओं को जन्मभूमि सहित मथुरा के तमाम बड़े मंदिरों में प्रवेश नहीं मिलेगा। हालांकि घर पर बैठकर आप अपने आराध्य का जन्मोत्सव टीवी पर देख सकते हैं। बीते 5000 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा में प्रवेश पर पाबंदी लगी है। मथुरा में कान्हा के जन्मदिवस पर फिलहाल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने को यह व्यवस्था की गई है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि मंदिर में 12 अगस्त की अर्धरात्रि कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन से जुड़े महज 100 लोग ही मौजूद रहेंगे। इसी के साथ, वृंदावन में साल में एक बार होने वाली ठाकुर बांकेबिहारी की मंगला आरती में भी श्रद्धालु नहीं पहुंच सकेंगे। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने से रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं। कपिल शर्मा ने बताया कि गोवर्धन परिक्रमा पर रोक का अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि श्रीमद्भागवत दशम स्कंध में कृष्ण जन्म प्रसंग में उल्लेख मिलता है। जिसके मुताबिक जिस समय पृथ्वी पर अर्धरात्रि में कृष्ण का जन्म ब्रज में हुआ था, उस समय पर घनघोर बादल छाए थे, लेकिन चंद्रदेव ने दिव्य दृष्टि से अपने कृष्ण को जन्म लेते दर्शन किए। आज भी कृष्ण जन्म के समय अर्धरात्रि में चंद्रमा उदय होता है।