यदि आप पशुपालन में रुचि रखते हैं या आपके पास दुधारु पशु हैं तो यह आपके लिए बहुत काम की और फायदे की खबर है। अब पशुओं के भी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। मनुष्यों की तरह पशुओं को भी एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन का नंबर जारी किया जा रहा है। इसके तहत पशुओं के कान में Tag लगाया जा रहा है जिस पर 10 डिजिट का एक नंबर होगा। यह नंबर उस पशु की पहचान है। इस अभियान को अब अमल में लाना शुरू कर दिया गया है। इस आधार कार्ड में संबंधित पशु की आयु, बीमारी की जानकारी, खरीद-फरोख्त की तारीख, टीकाकरण आदि की जानकारियां दर्ज होंगी। इससे पशु की गणना का काम भी आसान हो जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं की नस्ल व दूध उत्पादन को बढ़ाना है। आधार कार्ड बनने से दुधारू पशुओं के संरक्षण के साथ पशुपालकों की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाएगी। इस दौरान पशु के कान में छेद कर प्लास्टिक का एक ईयर टैग लगा फोटो खींची जा रही है। इसके बाद एक फार्म में पशु की नस्ल, उम्र, गर्भ धारण व अन्य जानकारी के साथ पशु के मालिक का नाम, उसका मोबाइल नंबर के साथ अन्य जानकारी भरकर कंप्यूटर पर अपलोड किया जा रहा है। इयर टैग से पशुओं के टीकाकरण के नाम पर होने वाली गड़बड़ी भी थम जाएगी। टीकाकरण का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज होगा। रजिस्टर में पशु का आधार नंबर टीकाकरण के साथ दर्ज किया जाएगा। टीकाकरण सही तरीके से होने पर पशुओं की बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी। साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायता मिलेगी। पशुओं को यूनिक नंबर देने का काम शुरू किया गया है। दस डिजिट का नंबर प्रत्येक पशु को दिया जा रहा है। टैग पर यूनिक नंबर दर्ज है। इस नंबर के साथ ही पशु का पूरा रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। प्रखंड के सभी पंचायतों एवं शहरी क्षेत्र में सभी गाय व भैंस को यूनिक नंबर दे आधार कार्ड बनाया जा रहा है।
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