एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे के बाद कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया. इससे रनवे पर विमान के फिसलने के ठीक पहले की स्थिति के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी.
केरल में कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे के बाद शनिवार को कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया. डिजिटल फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गया है. इससे रनवे पर विमान के फिसलने के ठीक पहले की स्थिति के बारे में पता लगाने में काफी मदद मिलेगी.
हालात का जायजा लेने कोझिकोड पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘हमने दुर्घटना स्थल का दौरा किया. दो ब्लैक बॉक्स बरामद किए गए हैं. इससे दुर्घटना के सटीक कारण का पता लगाया जाएगा. हम ब्लैक स्क्रीन में डेटा का विश्लेषण करेंगे. इस मामले में एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) जांच कर रहा है.
शक्ति लुंबा के मुताबिक पायलट कई बार सही स्थिति पता न होने और विजिबिलिटी नहीं होने पर विमान को लैंड नहीं कराने का फैसला करता है. लेकिन कई बार दुर्घटना से 4-5 मिनट पहले भी मौसम में नाटकीय तौर पर बदलाव आ जाता है. 2000 मीटर की विजिबिलिटी पर्याप्त होती है. आपको 800 मीटर की विजिबिलिटी की आवश्यकता होती है.
उन्होंने बताया कि जिस समय पायलट ने रनवे बदलने का फैसला किया, हो सकता है उस समय टैलवाइंड न हो. लेकिन जब पायलट ने लैंडिंग कराई हो, मौसम बदल गया हो और हवा पीछे से आने लगी हो. कोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे ढलान वाला है. बारिश हुई थी और पानी लगा हुआ था. ऐसे में ब्रेकिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं किया होगा. अगर एक्वा-प्लानिंग रहती तो रनवे की सतह ठीक से दिखाई दी होती.
शक्ति लुंबा ने बताया कि विमान क्रैश के लिए कई वजहें होती हैं. कैप्टन दीपक साठे इंडियन एयरफोर्स के फाइटर पायलट थे. उन्होंने बचाने की पूरी कोशिश की होगी. गनीमत थी कि विमान में आग नहीं लगी. ईंधन बंद कर दिया गया था. उस स्थिति में एकाग्रता की बहुत जरूरत होती है.
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