Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

रायपुर में डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं

Default Featured Image

कोयले का भी संकट है। ऐसे में मस्तूरी इलाके के 10वीं पास 46 वर्षीय एक व्यक्ति ने जहां सौर और पवन ऊर्जा से चलित कार का मॉडल बनाकर लोगों को चकित कर दिया है, वहीं रविवि के अक्षय ऊर्जा विभाग के छह छात्रों ने मिलकर गोबर गैस की ताकत से दौड़ने वाली बाइक बनाई है। नईदुनिया ने इन होनहारों की नई तकनीक की जानकारी ली। इनके प्रयासों से पर्यावरण तो शुद्ध होगा ही, गोवंश को भी संरक्षित किया जा सकता है।

10 वीं पास ग्रामीण ने बनाया ईको फ्रैंडली कार का मॉडल

राजधानी से 115 किमी दूर मस्तूरी ब्लॉक के भटचौरा गांव के 10 वीं पास 46 वर्षीय, अंजोरदास धृतलहरे ने एक ऐसी कार का मॉडल तैयार किया है, जिसे चलाने के लिए पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं होगी। पेशे से इलेक्ट्रीशियन अंजोरदास ने सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से चलित कार का मॉडल बनाकर लोगों को चकित कर दिया है। वे कहते हैं कि कार की छत पर लगाया गया सोलर पैनल इसकी बैटरियों को ऊर्जा प्रदान करता है। इस सोलर कार से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकते हैं। इसे पवन ऊर्जा से चलाने के लिए पंखे और टर्बाइन लगाए गए हैं, जो सीधे बैटरी में ऊर्जा स्टोर करते हैं। मॉडल बनाने के लिए पुरानी बाइक के पार्ट्स का उपयोग किया गया है। इसमें दो लाख खर्च हो चुके हैं। साथ ही पवन ऊर्जा का भी इस्तेमाल किया गया है।

रविवि के अक्षय ऊर्जा विभाग के छह छात्रों ने मिलकर गोबर गैस की ताकत से दौड़ने वाली बाइक का मॉडल बनाया है। यह बाइक भरपूर गति से दौड़ाई जा सकती है। 240 किमी का सफर तय करने में पांच किलो गैस खर्च होती है। गैस किट को भी छात्रों ने ही तैयार किया है। वे बताते हैं कि जार में गोबर और पानी डालकर उसे बंद कर दिया। उसमें एक पाइप डाला गया, जिससे गैस बाहर निकल सके। उसके बाद गैस को ट्यूब में एकत्र कर उसमें फैरिक्साइड यानी जंग लगे लोहे के साथ क्रिया कराई गई। इससे गैस तैयार हो गई, लेकिन वह शुद्ध नहीं थी। फिर उसमें सोडियम हाइड्रोक्साइड की क्रिया करवा कर उसे शुद्ध किया गया। इसे तैयार करने वाले होनहार छात्र अभिषेक खरे, आदर्श यादव, एहतेशाम कुरैशी, प्रवीण चंद्राकर, पंकज चेलक व यश परात हैं।

सौर ऊर्जा से तो कार आसानी से चल सकती है, लेकिन पवन ऊर्जा में दिक्कत होगी, क्योंकि पवन ऊर्जा के लिए तेज हवा चाहिए। हालांकि इस पर एक्सपेरीमेंट चल रहा है। आइडिया अच्छा है। कोई बड़ी कंपनी चाहे तो इस पर काम कर सकती है।