एम्स की ओपीडी और टेलीमेडिसिन ओपीडी में अब से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। सामान्य दिनों में एम्स की ओपीडी में 2500 से 3000 तक मरीज पहुंचते थे, लेकिन कोरोना की वजह से कुछ समय के लिए ओपीडी बंद करनी पड़ी थी। मरीजों की परेशानी को देखते हुए प्रबंधन 27 जून से फिर नियमित ओपीडी शुरू की, ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को ऑनलाइन पंजीयन के बाद ही अस्पताल आने का अनुरोध किया गया है ताकि व्यवस्था बनाकर सुरक्षित इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
एम्स प्रबंधन ने बताया कि सुबह नौ से दोपहर 1ः30 बजे तक मरीजों की जांच की जा रही है। प्रतिदिन 30 रोगियों को परामर्श दिया जा रहा है। इनमें 20 नियमित और 10 नए रोगी होते हैं। सुपर स्पेशलिटी विभागों के रोगियों की संख्या 15 होती है, जिनमें 10 नियमित और पांच नए रोगी होते हैं। ओपीडी में पहली बार जांच के लिए आने वाले रोगियों को एम्स की वेबसाइट में जाकर ऑनलाइन पंजीयन करना होता है। एम्स प्रबंधन ने बताया कि एक से 10 अगस्त के बीच अस्पताल में 4265 रोगी परामर्श के लिए पहुंचे। इनमें सबसे अधिक 1758 रोगी कोरोना की जांच के लिए पहुंचे। इसके अलावा आर्थो, जनरल मेडिसिन, ईएनटी, साइकेट्रिक और पीडियाट्रिक्स के रोगी भी बड़ी संख्या में ओपीडी में पहुंच रहे हैं। एम्स की टेलीमेडिसिन ओपीडी में भी प्रतिदिन औसतन 90 फॉलोअप रोगी कॉल कर रहे हैं। एक से 10 अगस्त तक 594 रोगी कॉल कर चुके हैं। टेलीमेडिसिन ओपीडी शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 12735 लोगों के कॉल आ चुके हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए टेलीमेडिसिन ओपीडी सेवाओं को जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
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