169 नए पॉजिटिव मिलने के साथ ही शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा नौ हजार के पार हो गया। 8 से 9 हजार मरीज होने में केवल छह दिन लगे, जो अभी तक का सबसे तेज एक हजार आंकड़ा है। इसका सबसे बड़ा कारण बढ़ाई गई टेस्टिंग और बढ़ी हुई पॉजिटिव दर है। इन छह दिनों में हर दिन औसतन ढाई हजार मरीजों की टेस्टिंग की गई और इसमें 6.67 फीसदी की पॉजिटिव दर से मरीज मिले। शहर में पिछले एक सप्ताह से लगातार नए मरीजों की संख्या 150 के ऊपर रही है।
शहर में इतनी तेजी से मरीज मिलने के कारण रिकवरी दर भी तेजी से गिरी है और इस दौरान केवल 35 फीसदी रही, क्योंकि अस्पताल में भर्ती या होम आइसोलेशन में उपचार कराने वाले मरीजों को ठीक होने में 10 दिन का समय लगता है। रिकवरी दर कम होने से एक्टिव मरीज बढ़ गए हैं और यह संख्या 2656 हो गई, हालांकि राहत है कि होम आइसोलेशऩ में करीब 500 मरीज हैं। वहीं, इंदौर देश के सर्वाधिक संक्रमित शहरों की सूची में 49वें नंबर पर आ गया है और लगातार इस सूची में वह नीचे आ रहा है। कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाने के लिए मंगलवार से सीरो सर्वे शुरू हुआ। 85 वार्डों में 85 टीमों को भेजा गया। हालांकि पहले ही दिन लोगों के घरों के पते ढूंढने में टीम को खासी मशक्कत करना पड़ी। कई घरों में मकान नंबर नहीं लिखा था। लोग बताने के लिए भी तैयार नहीं हुए। कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा और कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार सुबह रवीन्द्र नाट्य गृह में सर्वे टीमों को सर्वेक्षण सामग्री वितरित की गई। सामग्री लेकर 85 दलों के 170 कर्मचारी रवाना हुए। इनमें मुख्य रूप से नर्सेस शामिल हैं। सर्वे दल जिले में सात दिन तक सात हजार परिवारों का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। सर्वे पेपरलेस होगा।
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