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हेमंत सोरेन चला रहे फाइल-फोल्डर वाली सरकार, भाजपा ने जारी किया आरोप पत्र, पूछ लिया- डरते नहीं तो फिर भागते क्यों हैं?

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सरकार को निकम्मा बताते हुए कहा कि यह सरकार किसी भी मोर्चे पर सफल नहीं रही। उन्होंने तो ये भी कह दिया कि हेमंत सरकार फाईल – फोल्डर वाली सरकार है। बाबूलाल ने इस दौरान जहां हेमंत सरकार की विफलताओं पर जमकर हमला बोला ।

29 Dec 2023

रांची : हेमंत सरकार जहां अपने चार वर्ष पूरा होने के अवसर को शुक्रवार को भव्य रूप से मनाने जा रही है। वहीं, भाजपा ने एक दिन पहले गुरुवार को सरकार के विरुद्ध चार्जशीट (आरोपपत्र) जारी किया। हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में आरोपपत्र जारी करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सरकार को निकम्मा बताते हुए कहा कि यह सरकार किसी भी मोर्चे पर सफल नहीं रही।

मरांडी ने कहा फाइल-फोल्डर वाली सरकार

उन्होंने इस सरकार को फाइल, फोल्डर वाली सरकार बताया। बाबूलाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमलावर होते हुए आरोप भी लगाया कि ईडी द्वारा अफसरों पर मुकदमा करनेवाली फाइल उनकी आलमारी की शोभा बढ़ा रही है। चार्जशीट के पहले पेज पर नोटों का बंडल और कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां से पैसों की बरामदगी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट का उल्लेख किया गया है।

बाबूलाल ने इस दौरान जहां हेमंत सरकार की विफलताओं पर जमकर हमला बोला। वहीं, झारखंड में अबतक भाजपा की रही तीनों सरकारों और पिछले नौ वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश और झारखंड के संदर्भ में किए उल्लेखनीय कार्यों को बताया। कहा कि मुख्यमंत्री का छह नोटिस के बाद भी उपस्थित नहीं होना संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है। हेमंत कहते हैं कि वे डरते नहीं है तो फिर वे ईडी से भागते क्यों हैं? हेमंत सोरेन द्वारा 18-19 वर्षो तक झारखंड में भाजपा की सरकार होने और केंद्र सरकार द्वारा झारखंड की उपेक्षा करने के झूठे आरोप लगाए जाते हैं।

सच्चाई यह है कि बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास के कार्यकाल को जोड़कर कुल 4764 दिन अर्थात लगभग 13 वर्षो तक भाजपा को सेवा करने का अवसर मिला। इस मौके पर आरोपपत्र बनाने वाली कमेटी के संयोजक अरुण उरांव, सदस्य शिवपूजन पाठक, योगेन्द्र प्रताप सिंह, रविनाथ किशोर, सुनीता सिंह के अलावा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी भी मौजूद थे।

नक्सल समस्या के मोर्च पर भी विफल रही सरकार

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि किसी भी राज्य की पहचान वहां की कानून-व्यवस्था से होती है। प्रदेश की हालत बद से बदतर है। पुलिस पर लोगों को भरोसा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि पांच लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, भत्ता नहीं तो राजनीति से संन्यास, ये सारे दावे फिसड्डी साबित हुए हैं।

तुष्टीकरण का मामला किसी से छिपा नहीं है। जबरन धर्मांतरण की खबरें यहां आम हो चली है। पाकुड का ही एक मामला अभी संज्ञान में आया है, जिसमें एक पहाड़िया को जबरन प्रतिबंधित मांस खिलाने का मामला है।