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आदिवासियों व दलितों को सोरेन सरकार का बड़ा तोहफा, अब 50 साल की उम्र से ही मिलने लगेगी वृद्धा पेंशन, CM ने किया एलान

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यकाल के अब चार साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर रांची के मोरहाबादी मैदान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिबू सोरेन शामिल रहे। मुख्‍यमंत्री ने इस दौरान कह दिया कि अब से राज्‍य में आदिवासी और दलितों को 50 वर्ष से ही वृद्धा पेंशन का लाभ मिलने लगेगा। साथ ही पीडीएस डीलरों का कमीशन बढ़ेगा।

29 Dec 2023

रांची : मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के कार्यकाल के चार साल आज पूरे हो गए हैं। इस मौके पर रांची के मोरहाबादी मैदान में एक भव्‍य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि हेमंत सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं। राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष शिबू सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं।

आदिवासी व दलितों को 50 वर्ष से ही वृद्धा पेंशन का लाभ

इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभिन्न योजनाओं को परिसंपत्तियों का वितरण लाभुकों के बीच किया और साथ ही कई बड़ी घोषणाएं भी कीं। सीएम सोरेन ने कहा कि अब आदिवासी और दलितों को 50 वर्ष से ही वृद्धा पेंशन का लाभ मिलने लगेगा। साथ ही पीडीएस डीलरों का कमीशन बढ़ने की भी बात कही है।

टाटा टीनप्लेट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

सरकार ने टाटा टीनप्लेट कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया। राज्य सरकार की ओर से उद्योग निदेशक जितेंद्र सिंह तथा कंपनी की ओर से आरएन मूर्ति ने हस्ताक्षर किए। 

डीवीसी के चंगुल से झारखंड को बाहर निकालेगी सरकार: सीएम

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 4547 करोड़ की कुल 347 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। शिक्षा विभाग के अधीन 662 तथा स्वास्थ्य विभाग के अधीन 307 पदों के लिए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, कोयला हमारा है, लेकिन बिजली दूसरे राज्यों को दी जाती है। हमारी छवि खराब करने के लिए डीवीसी उस समय हमारी बिजली काट देता है जब राष्ट्रपति महोदय झारखंड आई होती हैं। अब राज्य सरकार अपनी व्यवस्था कर डेढ़ वर्ष में डीवीसी के चंगुल से झारखंड को बाहर निकालने का काम करेगी।

केंद्र ने नहीं दिए आवास योजना के पैसे: आलमगीर आलम

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र ने राज्य को आवास योजना के पैसे नहीं दिए। मुख्यमंत्री ने कई पत्र लिखे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अंत में राज्य सरकार को अपने बजट से अबुआ आवास योजना शुरू करनी पड़ी। उन्होंने भाजपा पर राज्य सरकार के कामकाज में बाधा पहुंचाने का भी आरोप लगाया। कहा, राज्य सरकार ने सरना धर्म कोड, 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति तथा ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के विधेयक विधानसभा से पारित कराए लेकिन भाजपा ने इनमें अडंगा लगाने का ही काम किया।