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राम मंदिर आंदोलन के पल को याद कर भावुक हुए साहिबगंज के कारसेवक

राम जन्मभूमि आंदोलन में राजमहल कासिम बाजार निवासी महेश गुप्ता भी बढ़ चढ़कर शामिल हुए थे। अब वहां श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा होने से काफी खुश हैं। इसकी चर्चा छेड़ने पर वे कहते हैं कि भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा उसके जीवन का सबसे रोमांचकारी पल होगा। अपने जीवन के उस पल को याद करते ही उनके चेहरे पर चमक आ जाती है।

30 Dec 2023

राजमहल : राम जन्मभूमि आंदोलन में राजमहल कासिम बाजार निवासी महेश गुप्ता भी बढ़ चढ़कर शामिल हुए थे। अब वहां श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा होने से काफी खुश हैं। इसकी चर्चा छेड़ने पर वे कहते हैं कि भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा उसके जीवन का सबसे रोमांचकारी पल होगा। अपने जीवन के उस पल को याद करते ही उनके चेहरे पर चमक आ जाती है। नवंबर 1989 के अंतिम सप्ताह में उन्होंने कार सेवा के लिए अयोध्या जाने का निर्णय लिया था।

महेश गुप्ता ने क्या कुछ कहा

महेश गुप्ता ने बताया कि प्रथम चरण में कुल 150 कारसेवक वहां जाने को तैयार हुए। राजमहल नगर से वे इकलौते थे। नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में कारसेवकों का जत्था राजमहल से रवाना हुआ। भागलपुर में उन लोगों को पुलिस ने रोक दिया। उस समय राजमहल ग्रामीण क्षेत्र से शिवचरण, पैरू उरांव और मुरली हाल्ट क्षेत्र से एक कारसेवक तथा वे किसी तरह पुलिस से बचते हुए भागलपुर आरएसएस जत्थे के साथ आगे बढ़े। किसी तरह वे लोग बनारस पहुंचे। छिप कर वहां जहां-तहां रहते थे परंतु पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बनारस सेंट्रल जेल में रखा। दूसरे दिन उनलोगों को बलिया शिफ्ट किया जा रहा था पर वे लोग नहीं माने। तब उनलोगों को बनारस सेंट्रल जेल में ही रखा गया।

महेश गुप्ता ने सरकार से की ये मांग 

महेश ने बताया कि उसका लक्ष्य अयोध्या पहुंचना था, नहीं पहुंच पाने का अफसोस आज भी है। नौ दिन सेंट्रल जेल में रखने के बाद उन लोगों को छोड़ दिया गया। जेल के बाहर विहिप पदाधिकारियों ने कहा कि जो लौटना चाहते हैं वे लौट जाएं और जो अयोध्या जाना चाहते हैं वे वहां चलें। वहां से वे अयोध्या गए। उन्होंने बताया कि उनकी चाहत है कि सरकार प्रत्येक कारसेवक को परिवार सहित श्री रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने का अवसर प्रदान करें। महेश वर्तमान में आरएसएस पश्चिम ब॑गाल के उत्तरेण प्रभात शाखा के मुख्य शिक्षक पर हैं।